मेरठ: शातिर अपराधियों पर शिकंजा कसने के अलावा अब पुलिस ने ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे 75 गांव चिह्नित कर लिये हैं जो आए दिन अपराधिक गतिविधियों के कारण चर्चाओं में आते रहते हैं। अपराधों पर पूरी तरह से अंकुश लगाने के लिये इन गांवों में जिस किसी के ऊपर भी तीन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं उनको गैंगस्टर और इनसे कम मुकदमे वालों को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया जाएगा। बहुत जल्द यह अभियान शुरु होने वाला है।

ग्रामीण क्षेत्र के कई गांवों लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं जो आए दिन अपराधिक गतिविधियों के कारण चर्चाओं में रहते हैं। सरूरपुर, सरधना, मवाना, जानी, रोहटा, किठौर, परीक्षितगढ़, मुंडाली, खरखौदा, फलावदा, बहसूमा और हस्तिनापुर के कुछ गांवों में अपराधिक गतिविधियां ज्यादा होने के कारण आए दिन बवाल होता रहता है। इन गांवों में पहले से ही हिस्ट्रीशीटरों की संख्या ठीकठाक है और तमाम बदमाशों पर इनाम भी हो चुके हैं।

अब इन गांवों के बिगडैÞल लोगो पर शिकंजा कसने के लिये एसपी देहात केशव कुमार ने फुलप्रूफ व्यवस्था बना ली है। इसके लिये 75 गांवों का चयन किया गया है और तय किया गया है कि तीन से अधिक मुकदमे वाले लोगों की सूची बनाई जाए और उनके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की जाए। जिन लोगों के खिलाफ तीन से कम मुकदमे हैं, उनको गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया जाए।

एसपी देहात ने इस बाबत सभी थानेदारों को सख्त हिदायत भी दी है कि बदमाशों की सूची बनाई जाए और इनकी पूरी डिटेल लेकर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई शुरू की जाए। इसके लिये थानेदारों को 10 दिन का समय दिया गया है और कहा गया है कि अगर इसमें लापरवाही हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुछ गांव गोकशी तो कुछ गांव अवैध हथियार बनाने के मामले में बदनाम है। हस्तिनापुर और परीक्षितगढ़ के कुछ गांव अवैध शराब के कारण बदनाम है। सरधना और सरूरपुर के तमाम गांव आपसी रंजिश के कारण हुई कई हत्याओं के लिये हमेशा चर्चित रहते हैं।

मवाना के सठला गांव में तमाम लोगों के खिलाफ गैंगस्टर के तहत कार्रवाई होगी। करनावल, भदौड़ा, बाफर, कायस्थ बढ्डा जैसे 75 गांवों में पुलिस की होने वाली कार्रवाई से निश्चित रूप से अपराधों पर अंकुश लगेगा। एसपी देहात ने बताया कि इसके अलावा हिस्ट्रीशीटरों का सत्यापन भी कराया जा रहा है। इससे अपराधियों में बेचैनी रहती है और अपराध करने से पहले दस बार सोचते भी हैं। इस काम में थानेदारों को लगा दिया गया है।