मेरठ. सपा और रालोद के गठबंधन को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं सामने आ रही थी, लेकिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रालोद राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को राज्यसभा में भेजने का ऐलान कर राजनीतिक हलको में हलचल पैदा कर दी। अखिलेश यादव के इस कदम से सपा-रालोद गठबंधन को मजबूती दे दी।
दरअसल, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष चाहते थे कि जयंत चौधरी सपा प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा का चुनाव लड़े, लेकिन अचानक तय हुआ कि जयंत चौधरी सपा-रालोद के संयुक्त प्रत्याशी बनेंगे। इसमें भी सपा अध्यक्ष ने रालोद को तवज्जो दी। सूत्रों का कहना है कि पहले डिंपल यादव को राज्यसभा में भेजा जा रहा था,
लेकिन अचानक जयंत चौधरी के नाम का प्रस्ताव रखा गया। इसमें मुलायम सिंह यादव ने भी हस्तक्षेप किया। ऐसा सूत्रों का कहना है। सपा और रालोद ने 2022 का विधानसभा चुनाव गठबंधन के साथ लड़ा था। सपा-रालोद गठबंधन को तोड़ने के प्रयास भी हुए थे, लेकिन गठबंधन बना रहा।
इस गठबंधन को लेकर भाजपा के शीर्ष नेता ने विधानसभा चुनाव के दौरान भी जयंत चौधरी को आॅफर दिया था, लेकिन जयंत चौधरी ने आॅफर ठुकराकर सपा के साथ गठबंधन जारी रखा था। अब यह गठबंधन आगे चलेगा या नहीं? इसको लेकर भी सवाल उठ रहे थे, लेकिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्यसभा का जयंत चौधरी को प्रत्याशी घोषित कर राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी।
सपा के इस कदम से सपा और रालोद का गठबंधन और मजबूत हो गया है। माना जा रहा है कि सपा-रालोद गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनाव में भी चलेगा। जयंत चौधरी को राज्यसभा में भेजा जाना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा हैं।