नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के लोन की किस्त हासिल करने के लिए पाकिस्तान उसकी हर बात मान रहा है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें 20 प्रतिशत महंगी करने के बाद अब शहबाज शरीफ सरकार ने जनता को बिजली महंगी कर शॉक दे दिया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सार्वजनिक स्वामित्व वाले DISCO के निजीकरण के अलावा बिजली की कीमतों में 7 रुपये की बढ़ोतरी का फैसला किया है. एआरवाई न्यूज के मुताबिक, यह फैसला आईएमएफ की ओर से 2,600 अरब रुपये के बिजली शुल्क पर चिंता जाहिर करने के बाद आया है. आईएमएफ ने सरकार को तुरंत सार्वजनिक स्वामित्व वाली DISCO को प्राइवेट करने का सुझाव दिया था.
जुलाई से लागू होगी बढ़ी हुई दर
घाटे में चल रहे DISCO की दयनीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए, आईएमएफ ने इन DISCO’s को प्रांतों को सौंपने की सलाह दी. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा, ‘बिजली दरों में बढ़ोतरी एक जुलाई से लागू होगी.’ उनके अनुसार बिजली की कीमतों में 7 रुपये की बढ़ोतरी में बेसिक टैरिफ और फ्यूल एडजस्टमेंट में होगी.
इस बीच पाकिस्तान के ट्रेड एंड इंडस्ट्री लीडर्स ने शहबाज शरीफ सरकार पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 30 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी करने को लेकर हमला बोला है. डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के बिजनेसमैन ग्रुप (बीएमजी) के चेयरमैन जुबैर मोतीवाला ने पेट्रोलियम कीमतों में बढ़ोतरी के कारण उत्पादन लागत में 5-7 फीसदी की बढ़ोतरी की आशंका जताई है.
‘दयनीय हो जाएगा आम आदमी का जीवन’
द डॉन ने मोतीवाला के हवाले से लिखा, पेट्रोलियम दरों में इजाफे से माल की खुदरा कीमतों पर भारी असर पड़ेगा, जिससे आम आदमी का जीवन और अधिक दयनीय हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को चरणों में पेट्रोलियम की दरों में वृद्धि करनी चाहिए थी.
कीमतों में इजाफा दोहा में पाकिस्तान सरकार और आईएमएफ के बीच बातचीत के बाद हुआ है. पाकिस्तान के लिए इन चर्चाओं का मकसद अपने 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कार्यक्रमों के लिए एक समझौते पर पहुंचना था, जो अप्रैल की शुरुआत से रुका हुआ है. हालांकि ईंधन की कीमतों में वृद्धि से महंगाई बढ़ेगी. लेकिन पाकिस्तान को लगभग 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर आईएमएफ से मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.