मेरठ. प्रधानमंत्री मोदी के राज्य गुजरात में मेरठ के सीसीएसयू की फर्जी मार्कशीट और डिग्री 30—40 हजार रुपये में धडल्ले से बेची जा रही है। मामला उस समय पकड़ में आया जब ये नकली मार्कशीट और डिग्री सीसीएसयू में सत्यापन के लिए आई और यहां पर पकड़ी गई। इस तरह के करीब 11 मामले सामने आए हैं। जिसमें सीसीएसयू की फर्जी मार्कशीट और डिग्री के दम पर 11 युवकों ने बिहार तकनीकी सेवा आयोग में मत्स्य विकास अधिकारी के पद पर नौकरी ले ली।
गुजरात में 40 हजार में बिक रही मेरठ के सीसीएसयू की फर्जी मार्कशीट-डिग्री, सत्यापन में खुलासा
गुजरात के नर्मदा में सीसीएसयू के नाम की ये फर्जी डिग्री 30 से 40 हजार रुपये में बेची जाने की जानकारी मिली है। शिकायत के बाद पुलिस ने जब सीसीएसयू से इनका सत्यापन कराया तो करीब 100 डिग्री और मार्कशीट फर्जी पाई गई। इसी तरह के एक और मामले में गुजरात के गांधी नगर में एक सेंटर सीसीएसयू की फर्जी डिग्री बांट रहा था। वहां भी 10 डिग्री-मार्कशीट फर्जी मिली।
जालसाज दिलवा रहे फर्जी डिग्री के दम पर बेरोजगारों को नौकरी
बता दें कि सरकारी या प्राइवेट नौकरी मिलने के बाद प्रमाण पत्रों का संबंधित स्कूल कालेज और विश्वविद्यालय से सत्यापन कराया जाता है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में प्रतिदिन 30 से 40 डिग्री-मार्कशीट सत्यापन के लिए आती हैं। फर्जीवाड़े का खुलासा हाल दिनों में हुए सत्यापन से हुआ है। जिसमें शातिरों ने कंप्यूटर से युवाओं को सीसीएसयू की मार्कशीट और डिग्री की हूबहू कॉपी बनाकर दे दी। बिहार में ऐसा ही हुआ है। यहां 2021 में तकनीकी सेवा आयोग ने मत्स्य विकास अधिकारी के पदों पर भर्ती निकाली। इसमें 10 अभ्यर्थियों ने सीसीएसयू के नाम की फर्जी मार्कशीट-डिग्री लगाकर नौकरी पा ली।
गुजरात के राजपिपला नर्मदा थाना पुलिस ने वहां एक गिरोह को पकड़ा जो युवाओं को पैसे लेकर फर्जी डिग्री दिलाता था। इस गिरोह के पास से 100 फर्जी डिग्री-मार्कशीट मिली। टयूटोरियल सेंटर में मिली सभी मार्कशीट और डिग्री सीसीएसयू के नाम की फर्जी हैं। इस बारे में सीसीएसयू की प्रोवीसी वाई विमला ने बताया कि मार्कशीट और डिग्री के फर्जीवाड़े की जानकारी सामने आई है। विवि अपने स्तर से इस पूरे प्रकरण की जांच कर रहा है। यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं विवि का कोई कर्मचारी तो इस मामले में लिप्त नहीं है। इसकी भी जांच कराई जा रही है।