मेरठ. भाकियू की मेरठ जिला/मंडल इकाई में असंतोष व्याप्त हो गया है। मंडल उपाध्यक्ष विनीत सांगवान, जिला महासचिव मिंटू अहलावत, जिला उपाध्यक्ष निक्की तालियान समेत कई ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। वहीं, बाबा टिकैत के जमाने से भाकियू में वरिष्ठ पदाधिकारी रहे रवींद्र दौरालिया ने कहा है कि जब सम्मान ही नहीं है तो लगता है घर बैठने का समय आ गया है। असंतोष इस कदर हो गया है कि जल्द ही कुछ और पदाधिकारी इस्तीफा देने वाले हैं।

भाकियू के मंडल उपाध्यक्ष विनीत सांगवान ने कहा है कि जिला मेरठ में पदों को लेकर हो रहे षड़यंत्र कहीं ना कहीं भाकियू को कमज़ोर करने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि भाकियू में पदों के पीछे हो रहे विवादों को समाप्त करने की मंशा से वह अपने पद से इस्तीफा देते हैं।

जिला महासचिव मिंटू अहलावत ने कहा कि संगठन में जब सम्मान ही नहीं बचा है तो पद से क्या होगा। उन्होंने जिला महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है। जिला उपाध्यक्ष निक्की तालियान ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है। उधर, भाकियू के वरिष्ठ पदाधिकारी रवीन्द्र दौरालिया ने कहा है कि संगठन में जो कुछ हो रहा है तो वह दुर्भाग्यपूर्ण है। मिल बैठकर आपस में इसका हल करना चाहिए। आपस में फूट का कारण ही है कि जिलाध्यक्ष को कई बार अपमानित किया गया।

बिना अध्यक्ष की अनुमति के दो बार यूनियन से निष्कासित किए हुए व्यक्ति को जो किसान तक नहीं है और न जमीन है, जिले की बिजली कमेटी का प्रभारी बना दिया। एक पदाधिकारी ने एकता के नाम पर युवा एवं मेरठ जिला अध्यक्ष को मीटिंग से बाहर रखकर एकता की मीटिंग की। यही कारण है कि मंडल एवं प्रदेश में मेरठ के किसी कार्यकर्ता को कोई पद नहीं दिया गया।

इस्तीफों के क्रम में यह भी चर्चा चल रही है कि भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी भी इस्तीफा दे सकते हैं। उनके समर्थकों का दबाव है कि जब संगठन में जिलाध्यक्ष का ही सम्मान नहीं है तो पद लेकर क्या होगा। इस संबंध में जिलाध्यक्ष ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। कहा-अभी कोई टिप्पणी नहीं।