मेरठ। मेरठ जनपद में भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है। शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन अधिकतम तापमान 41 डिग्री या उससे अधिक रहा। मौसम विभाग की मानें तो आठ जून तक गर्मी से कोई राहत के आसार नहीं हैं। आने वाले दिनों में तेज गर्म हवाएं चलेंगी। मौसम शुष्क रहेगा। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री रहा। न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री रहा। सूरज की गर्मी और गर्म हवाएं लोगों को झुलसा रही थी।
हीट वेव की भी आशंका
पूरे वेस्ट यूपी में भीषण गर्मी का दौर जारी है। हीट वेव की भी आशंका जताई जा रही है। गर्मी से राहत मिलने के अभी कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। मेरठ में मौसम लगातार बदल रहा है। बुधवार के बाद गुरुवार को भी सुबह ही शुरुआत तेज धूप के साथ हुई। तापमान भी 40 डिग्री के आसपास चल रहा है। मेरठ में मंगलवार को अधिकतम तापमान 41.4 और न्यूनतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस था।
मौसम में उथल पुथल
बता दें कि 22 मई को जब अच्छी बारिश हुई थी उसके बाद लगातार दिन में एक बार मौसम में उथल पुथल देखी जा रही है। खास बात यह है कि बदलाव का यह केंद्र पश्चिम उप्र के कुछ जिलों में हो रहा है। सोमवार को भी शाम होने से पूर्व आसमान में घटाएं घिर आईं थी। मेरठ में मंगलवार को अधिकतम तापमान 39.0 और न्यूनतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस रहा था। मौसम विभाग के अनुसार धूप खिलेगी, मौसम साफ रहेगा। मेरठ में बुधवार को अधिकतम तापमान 41.0 और न्यूनतम तापमान 21.6 डिग्री सेल्सियस रहा।
मई और जून में गर्मी
मेरठ जनपद का मई का औसत अधिकतम तापमान अप्रैल से 2.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा है। जबकि मई और जून में गर्मी का सबसे अधिक प्रभाव रहता है। मौसम का यह नया ट्रेंड दूसरी बार देखने को मिला है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार अगर बदलाव लगातार एक दो साल और जारी रहता है तो यह जलवायु परिवर्तन का स्पष्ट प्रभाव माना जाएगा। बुधवार को जून का आगाज गर्मी के प्रकोप से हुआ। आगामी सात दिनों में सूरज के तेवरतल्ख रहेंगे। आसमान साफ रहेगा। बारिश और बादलों की आमद की कोई संभावना नहीं है। बुधवार को अधिकतम तापमान 41 डिग्री सेल्सियस रहा। धूप निकलने पर गर्म हवा के थपेड़ों से शरीर को झुलसा रहे थे। यह स्थित सात जून तक जारी रहेगी
अप्रैल की तुलना में मई में कम रहा हीट वेव का प्रकोप
अप्रैल में 15 दिन अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे अधिक था। वहीं मई में केवल पांच दिन तापमान 40 के बिंदु तक पहुंच सका। मई में इस बार पश्चिम विक्षोभ की एक बाद एक सक्रियता ने तापमान बढ़ने नहीं दिया। हालांकि उमस भरी गर्मी दिन में परेशान करती रही। सामान्य की तुलना में तीन गुनी 61 मिलीमीटर बारिश हुई है। वर्ष 2021 में भी मई में अच्छी बारिश देखने को मिली थी।
अप्रैल का औसत अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री रहा था जबकि मई का औसत 36.9 डिग्री सेल्सियस रहा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विवि के मौसम केंद्र के प्रभारी डा. यूपी शाही ने बताया कि अगर कोई मौसम बदलाव तीन चार साल लगातार होता है तो वह जलवायु परिवर्तन की श्रेणी में रखा जाता है। नहीं तो उसे सामान्य बदलाव की श्रेणी में रखा जाता है। मई में बारिश ज्यादा और पारा कम होने का दीर्घकालिक प्रभाव फसल चक्र पर पड़ेगा। अप्रैल में गर्मी अधिक पड़ने से गेहूं और सरसों की पैदावार कम हुई है।