मेरठ. हापुड़ के धौलाना में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोटर मेें मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। रात में चार झुलसे लोगों ने भी दम तोड़ दिया। अभी भी मेरठ के मेडिकल कालेज में चीख-पुकार मची हुई है। परिजन अपने लोगों को बचाने के लिए रात भर जददोजहद करते रहे। ये अवैध पटाखा फैक्ट्री प्रशासन की नाम के नीचे चल रही थी और किसी को कुछ पता नहीं चला। शनिवार को पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाकों ने प्रशासन और अन्य विभागों को नींद से जगाया लेकिन तब तक 12 मजदूरों की मौत हो चुकी है

हापुड में पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद सभी को मेरठ के मेडिकल में भर्ती कराया गया है। मेरठ मेडिकल में भर्ती झुलसे लोगों ने आपबीती बताई है। तीन धमाकों तक झुलसे हुए तालिब को याद है। उसके बाद का उसको कुछ पता नहीं। मेरठ के मेडिकल में उसने आपबीती बताई। इसके बाद से वो बेसुध है। तालिब बुरी तरह से झुलसा हुआ है। उसके बराबर वाले बेड पर मनोज ने बताया कि पांच दिन पहले ही वह अपने छोटे भाई सनोज निवासी शाहजहांपुर गांव भडेरी से 25 लोगों के साथ काम पर आया था।

दोपहर में खाना खाने के बाद काम शुरू हुआ तो बस धमाका सुनाई दिया। जिन लोगोंं का इलाज मेरठ के मेडिकल कालेज में चल रहा है उनमें से अधिकांश 50 फीसदी तक झुलसे हुए हैं। उसका दर्द देखा नहीं जा रहा। परिवार के लोगों को बताया कि कोई मदद नहीं कर रहा है।