मेरठ. केदारनाथ, वैष्णो देवी सहित अन्य तीर्थस्थानों के दर्शन कराने के लिए हेलीसेवा पोर्टल से मेरठ को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्रालय द्वारा बनाए गए एक हेलीसेवा पोर्टल पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग करने के लिए जिला प्रशासन से डाटा मांगा गया है। जिससे मेरठ स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी पर हेलीकॉप्टर संचालन शुरू हो सके। जिला प्रशासन को पोर्टल पर हेलीपेड और अन्य सुविधाओं की जानकारी देनी है।
राष्ट्रीय नागर विमानन योजना को 2016 में लाया गया था। इसमें हेलीकॉप्टर के उपयोग के लिए विशेष तौर पर रखा गया था, जिससे एक शहर से दूसरे शहर में उड़ान, यात्रा, आपदा के समय हेलीकॉप्टर का विशेष तौर पर उपयोग करना था। जिससे जल्द आम आदमी को राहत दी जा सके।
हेलीकॉप्टर के लिए तैयार है हवाई पट्टी
परतापुर स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी हेलीकॉप्टर उड़ाने के लिए तैयार है। अगर यहां से किसी प्राइवेट एजेंसी से तीर्थस्थानों पर जाने के लिए करार किया जाता है, तो आसानी से मेरठ से हेलीसेवा पोर्टल से हेलीकॉप्टर का संचालन शुरू हो जाएगा।
हवाई उड़ान के लिए भी प्रक्रिया शुरू
तहसील दिवस में सदर तहसील पहुंचे कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने एसडीएम संदीप भागिया और तहसीलदार रामेश्वर प्रसाद से हवाई उड़ान के लिए चल रही प्रक्रिया को मानचित्र के माध्यम से जाना।
एसडीएम सदर संदीप भागिया ने बताया कि मेरठ स्थित हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के लिए प्रक्रिया चल रही है। अभी दिन और रात में हवाई उड़ान के संचालन के लिए प्रस्ताव तैयार कराए जा रहे हैं। इसके बाद ही शासन और एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा। इसमें वन विभाग, सरकारी जमीन, एमडीए, पराग डेयरी की जमीन जाएगी।
500 करोड़ रुपये से अधिक आएगा खर्च
मेरठ से 78 यात्रियों का विमान उड़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च आ सकता है। अभी प्रशासन द्वारा प्रस्ताव तैयार होने में एक सप्ताह लग सकता है। इसके बाद ही फाइनल बजट सामने आ सकेेगा। लखनऊ में शासन स्तर पर मेरठ से हवाई उड़ान के लिए बैठक आयोजित की जाएगी। इसके बाद ही मेरठ से एटीआर-72 को उड़ाने पर एएआई के अधिकारियों के साथ वार्ता की जाएगी।