मेरठ। गर्मी, तेज धूप उड़ती धूल और खानपान में भयावह प्रदूषण। नतीजा यह हुआ कि जिला अस्पताल के सभी 250 बेड मरीजों से भर गए हैं। खाली पड़े वार्डों में नए बेड लगाने पड़ रहे हैं। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. नंदा ने बताया कि 70 बेड बढ़ाकर कुल संख्या 320 की जाएगी।
एसआइसी डा. नंदा ने बताया कि गर्मियों में ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है, जबकि बड़ी संख्या में लोग भर्ती भी हो रहे हैं। डायरिया, उल्टी, पेट दर्द, वायरल बुखार, डिहाइड्रेशन, पीलिया, वायरल बुखार एवं चक्कर आने के लक्षणों के साथ मरीज भर्ती हैं। इमरजेंसी, आर्थो, मेडिसिन से लेकर सर्जिकल वार्ड व आइसीयू तक सभी बेड भरे हुए हैं। मरीजों को बिना इलाज न लौटना पड़े, इसके लिए बाल रोग विभाग, बर्न एवं कोविड टीकाकरण वाले कक्षों में भी नए बेड लगाए जाने हैं।
नियम के मुताबिक आइसीयू एवं पीडियाट्रिक आइसीयू में दस बेड खाली रखना चाहिए, लेकिन यहां भी मरीज हैं। ओपीडी में रोजाना पहुंचने वाले मरीजों की संख्या डेढ़ हजार, जबकि भर्ती होने वालों की संख्या भी पहले से ज्यादा हो गई है। डा. एसके नंदा ने बताया कि अस्पताल में नियमित ओपीडी हो रही, साथ ही जांच लैब, ब्लड बैंक, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे जांच की सुविधा होने से मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। फिलहाल 70 बेड बढ़ाकर मरीजों के इलाज को प्राथमिकता दी जाएगी।