जलालपुर. पिछले हफ्ते हमने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के परिणाम देखे, और रिजल्ट्स आने के बाद से, रैंक धारकों की प्रेरक कहानियां हमारे सामने आ रही हैं. ऐसी ही एक कहानी बिहार से यूपीएससी की उम्मीदवार दिव्य शक्ति की है, जिन्होंने लगातार दूसरी बार परीक्षा में सफलता हासिल की है.

आखिर कौन हैं दिव्य शक्ति?
दिव्य शक्ति सारण के जलालपुर जिले की मूल निवासी हैं. वह एक डॉक्टर के परिवार में पैदा हुई और पली-बढ़ी. वह हमेशा से एक मेधावी छात्रा रहीं, उन्होंने मुजफ्फरपुर से अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की, और इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए डीपीएस बोकारो चली गई. उन्होंने बिट्स पिलानी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. दिव्य ने उसी कॉलेज से अर्थशास्त्र में एमएससी भी किया है. दो साल तक एक अमेरिकी कंपनी में काम किया और वह 2019 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुईं.

दूसरे प्रयास में आई और भी अच्छी रैंक
दिव्य ने अपने पिछले प्रयास में 79वीं रैंक हासिल की, और 2019 में एक IPS अधिकारी के रूप में चुनी गई. हालांकि, उसके सपने बड़े थे और वह एक IAS अधिकारी बनना चाहती थी. उसने परीक्षा की तैयारी जारी रखी, और यूपीएससी 2022 की एक बार फिर से परीक्षा दी. दिव्य शक्ति ने आईपीएस में अपने प्रशिक्षण के साथ परीक्षा की तैयारी की, और उसकी मेहनत रंग लाई जब उसने इस वर्ष अखिल भारतीय स्तर पर 58वीं रैंक हासिल की. खबर सुनने के बाद दिव्य शक्ति का परिवार सातवें आसमान पर था.

उनके पिता बेतिया के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जीएमसीएच) के पूर्व अधीक्षक हैं. उन्होंने कहा कि दिव्या शुरू से ही एक अध्ययनशील बच्ची थी. परिवार वालों ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने उन्हें अन्य उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा भी कहा.