मेरठ. मेरठ में विक्टोरिया पार्क अग्निकांड में मुआवजा निर्धारण के लिए जांच कर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए सीएमओ ने नौ चिकित्सकों का बोर्ड गठित किया है। हालांकि सीएमओ कार्यालय में जांच प्रक्रिया कब से शुरू होगी, इसकी तारीख अभी तय नहीं की गई है।
इससे पहले झुलसे लोगों की जांच के लिए पांच चिकित्सकों का बोर्ड गठित किया था। प्रक्रिया 30 मई से एक जून तक चलनी थी, लेकिन विक्टोरिया पार्क अग्निकांड के पीड़ितों ने इस बोर्ड से जांच कराने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि इसमें प्लास्टिक सर्जन, फोरेंसिक एक्सपर्ट, ईएनटी सर्जन, न्यूरोलॉजिस्ट और मनोरोग विशेषज्ञ नहीं हैं। इसके बाद सीएमओ ने दोबारा से बोर्ड गठित करने के लिए कहा था, जिस पर यह बोर्ड गठित किया गया है।
सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि विक्टोरिया पार्क अग्निकांड की घटना में झुलसे व्यक्तियों के संबंध में मुआवजा धनराशि का निर्धारण होना है, जिसकी कोर्ट में दिन प्रतिदिन सुनवाई की जा रही है।
इसी परिप्रेक्ष्य में उनके कार्यालय में झुलसे व्यक्तियों के आवेदन पर जांच कर प्रमाणपत्र जारी किए जाएंगे। अपर जनपद न्यायाधीश हर्ष अग्रवाल नौ जून तक छुट्टी पर हैं, इसके बाद ही यह प्रक्रिया शुरू हो पाएगी। अग्निकांड में 65 जिंदगियां चली गई थीं।
बोर्ड में ये हैं चिकित्सक
डॉ. सुभाष नेत्र रोग विशेषज्ञ
डॉ. केसी तिवारी अस्थि रोग विशेषज्ञ
डॉ. अजय प्रताप शाही फोरेंसिक एक्सपर्ट
डॉ. आलोक नायक ईएनटी सर्जन
डॉ. अभिषेक सागर, सर्जन
डॉ. सारिका सिंह स्त्री रोग विशेषज्ञ
डॉ. भानू प्रताप सिंह, प्लास्टिक सर्जन
डॉ. अखिल प्रकाश, न्यूरोलॉजिस्ट
डॉ. कमलेंद्र किशोर, मनोरोग विशेषज्ञ
मेरठ में विक्टोरिया पार्क में 10 अप्रैल 2006 को कंज्यूमर मेला गुलजार था। दिन ढलने लगा था। लोग घरों की तरफ निकलने वाले थे, तभी शाम 5:40 बजे अचानक पंडाल में भीषण आग लग गई। बदहवास लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर दौड़ने लगे। देखते ही देखते करीब 1500 वर्ग मीटर में लगा पंडाल आग के शोलों में बदल गया। लोहे के मजबूत फ्रेम मोम की तरह पिघलकर गिरने लगे। इस भीषण अग्निकांड में 65 जिंदगियां चलीं गईं और 161 लोग गंभीर रूप से झुलस गए थे।