नई दिल्ली. बीते दो दिनों से एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों ने कुछ राहत की सांस ली है. दो दिनों से एलआईसी के शेयर में गिरावट पर ब्रेक लगी है और शेयर ने निचले स्तरों से थोड़ी रिकवरी दिखाई है. बुधवार को एलआईसी का शेयर 2.50 फीसदी की तेजी के साथ 692 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. हालांकि 709 रुपये के लेवल को भी शेयर ने छूआ था.
सोमवार को एंकर निवेशकों के लिए लॉक इन पीरियड की अवधि खत्म होने के बाद एलआईसी के शेयर में बड़ी गिरावट देखने को मिली थी. एलआईसी 663 रुपये के लेवल पर नीचे जा लुढ़का था. सोमवार को एंकर निवेशकों के लिए लॉक इन पीरियड की अवधि के खत्म होते ही एलआईसी का शेयर 668.25 रुपये पर क्लोज हुआ था. दरअसल एलआईसी के आईपीओ में जिन एंकर निवेशकों ने निवेश किया हुआ है उनके लिए लॉक इन पीरियड खत्म हो गया है. एंकर निवेशक जिन्हें अपने निवेश पर भारी नुकसान हो रहा है उनकी बिकवाली के चलते एलआईसी के शेयर में इतनी बड़ी गिरावट आई है.
एलआईसी का आईपीओ पूरे एशिया में निवेशकों का पैसे डूबोने के मामले में नंबर वन आईपीओ बन गया है. स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टिंग के बाद से एलआईसी के मार्कैट वैल्यू में करीब 17 बिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है. जिसके साथ ही 2022 में एशिया में एलआईसी का आईपीओ सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला आईपीओ बन गया है. आईपीओ प्राइस से एलआईसी के शेयर में 27 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.
17 मई को लिस्टिंग के बाद से एलआईसी के मार्केट कैपिटलाईजेशन में भारी कमी आई है. एलआईसी का मार्केट कैप में 27 फीसदी घट चुका है. एलआईसी ने अपने आईपीओ का इश्यू प्राइस 949 रुपये तय किया था. फिलहाल अपने इश्यू प्राइस से शेयर 257 रुपये नीचे ट्रेड कर रहा है.
एलआईसी के शेयर में गिरावट का बड़ा झटका उन निवेशकों को लगा है जिन्होंने आईपीओ में निवेश किया था खासतौर से रिटेल निवेशक को. एलआईसी का मार्केट कैप घटकर 4.38 लाख करोड़ रुपये पर आ पहुंचा है. जबकि आईपीओ प्राइस के मुताबिक एलआईसी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 6 लाख करोड़ रुपये पर था. यानि निवेशकों को लिस्टिंग के बाद से 1.62 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.