मेरठ: घटतोली रोकने के लिये कितना ही प्रयास किया जाए, लेकिन लोगों को बमुश्किल ही पूरा सामान मिल पाता है। यह तो हुई तोल की बात, लेकिन यहां तो कांटों की बिक्री में भी खेल चलता है। विभाग की ओर से बिना लाइसेंस लिए ही खुलेआम अवैध रूप से कांटे बेचे जाते हैं। शहर के सदर बाजार और कोटला व खैरनगर बाजार में यह खेल खुलेआम चल रहा है।
जहां इलेक्ट्रॉनिक कांटों की बिक्री तो खूब होती है, लेकिन दुकानदारों के पास उन कांटों को बेचने के आदेश ही नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ठेले व अन्य छोटे दुकानदार भी इलेक्ट्रॉनिक कांटों के स्थान पर पुरानी तराजू का ही इस्तेमाल कर लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
बता दें कि शहर में सभी बने जनरल स्टोर हों या कोई छोटी दुकानें सभी जगहों पर इलेक्ट्रॉनिक कांटों का इस्तेमाल होता है। इन इलेक्ट्रॉनिक कांटों की प्रति साल समय समय पर जांच की जाती है और बांट-माप तोल विभाग की ओर से कांटों को पास किया जाता है। इसके बाद ही दुकानदार इनका इस्तेमाल कर पाते हैं। वहीं, दूसरी ओर शहर में जो दुकानदार कांटे बेचने का काम करते हैं।
उन्हें भी बांट-माप तोल विभाग की ओर से लाइसेंस जारी किए जाते हैं। सैकड़ों की संख्या में विभाग की ओर से लोगों को कांटे बेचने के लाइसेंस जारी किए जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके हालात बद से बदतर हैं। शहर में खुलेआम बिना लाइसेंस के ही कांटे बेचे जा रहे हैं। जिससे आम लोगों की जेबों पर ही भार पड़ता है।
इलेक्ट्रॉनिक कांटों को लाइसेंस के बाद ही बेचा जा सकता है और उसके बाद हर साल उन्हें भी जांच कर एजेंसी द्वारा पास किया जाता है, लेकिन आजकल इनके पास किए जाने पर भी खुला खेल चल रहा है। बांट-माप तोल विभाग से जुड़े एजेंसी संचालक जांच करने के नाम पर पर्ची तो काटते नहीं है, बल्कि जो भी दुकानदार देता है।
वह लेकर निकल लेते हैं। जिसे आम भाषा में कहा जाए तो रिश्वत (घूस) का यह खुला खेल चल रहा है या फिर खुद दुकानदार ही 200 रुपये पकड़ा कर बाद में पर्ची बनाए जाने के लिये कह देता है। यह हाल पूरे शहर में है। पूरे शहर में ही यह कार्य चल रहा है। बांट-माप तोल विभाग की लापरवाही के कारण जनता को लूटा जा रहा है।
बांट-माप तोल की ही लापरवाही है कि शहर के मुख्य बाजारों में कई दुकानदार बिना लाइसेंस के ही कांटे बेच रहे हैं। शहर के कोटला बाजार को लेकर तो इस संबंध में शिकायत भी दर्ज की जा चुकी है। बावजूद इसके हालात सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। हालात ये हैं कि अभी तक यहां एक बार भी अधिकारियों की ओर से जांच पड़ताल तक नहीं की गई।
जिससे उन दुकानदारों पर छापा लगे और कार्रवाई की जा सके। खुलेआम अवैध रूप से कांटे बेचे जा रहे हैं और कोई देखने वाला नहीं है। सदर बाजार में भी यही हाल है। यहां भी कई दुकानों पर इसी प्रकार कांटे बेचे जा रहे हैं।
एक तो शहर में अवैध रूप से बिना लाइसेंस कांटे बेचे जा रहे हैं। उधर, एक और खिलवाड़ जनता के साथ किया जाता है। शहर में अधिकांश ठेले वाले अभी भी बांट तराजू इस्तेमाल करते हैं। जिनकी पर्ची तक पास नहीं की जाती। उन्हें हर वर्ष रीनुअल कराने की आवश्यकता होती है, लेकिन बिना रीनुअल कराए ही वह सामान बेच रहे हैं।
जबकि यह साफ निर्देश हैं कि कांटे इलेक्ट्रॉनिक वाले होने चाहिए, लेकिन अब भी अधिकांश ठेलों पर फल बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले या अन्य सामान बेचने वाले लोग बांट वाली तराजू लेकर घूम रहे हैं। जिससे आम लोगों के साथ घटतोली होने की संभावना बनी होती है।