नई दिल्ली. डायबिटीज रोगियों के लिए अपने आहार का चयन करना हमेशा से बड़ी चुनौती रही है। अधिक शर्करा वाली चीजों के सेवन से ब्लड शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है, ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ मधुमेह रोगियों को अपने लिए सब्जियों-फलों का चयन करते समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। विशेषरूप से आप किन फलों का सेवन करते हैं, इसका ख्याल रखना बहुत आवश्यक हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए एक सवाल सभी लोगों के मन में बना रहता कि क्या डायबिटीज रोगी सेब खा सकते हैं? इसका कारण यह है कि वैसे तो सेब प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं लेकिन इसका स्वाद मीठा होता है?
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज रोगियों के लिए आहार का चयन करते समय ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) पर ध्यान देना चाहिए। ग्लाइसेमिक इंडेक्स वह पैमाना है जिससे यह पता लगाया जाता है कि भोजन में पाए जाने वाले कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज बनने में कितना समय लगता है?
सामान्यतौर पर कुछ अपवादों को छोड़कर 55 से कम जीआई वाली चीजों को शुगर रोगियों के लिए सुरक्षित माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस आधार पर क्या डायबिटीज रोगियों के लिए सेब खाना फायदेमंद है या नहीं?
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि सेब, डायबिटीज रोगियों के लिए फायेदमंद फल हो सकता है। वैसे तो सेब में कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है, लेकिन इसमें पाई जाने वाली हाई फाइबर की मात्रा आपके लिए विशेष लाभकारी हो सकती है। अध्ययन से पता चलता है सेब में मौजूद फ्रुक्टोज फाइबर के कारण रक्त शर्करा का स्तर प्रभावित नहीं होता है। सेब ग्लाइसेमिक इंडेक्स के मामले में भी डायबिटीज रोगियों के लिए उचित माना जाता है। सेब का ग्लाइसेमिक इंडेक्स 36 होता है जो इसे डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त फल बनाता है।
न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी सेब का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। साल 2019 के एक प्रयोगशाला अध्ययन के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने पाया कि सेब में क्वेरसेटिन नामक एक कैमिकल कंपाउड पाया जाता है जो न्यूरोप्रोटेक्टिव प्रभाव के लिए जाना जाता है। यह उम्र से संबंधित न्यूरॉन हानि को रोकने में मदद कर सकता है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि सेब खाने वाले लोगों में अल्जाइमर रोग का जोखिम कम होता है।
साल 2013 के एक अध्ययन में पाया गया कि सेब लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम कर सकता है, हालांकि सेब का जूस पीने से इस तरह के प्रभाव नहीं देखे गए हैं। अध्ययन में लेखकों ने निष्कर्ष निकाला कि सेब में फाइबर होता है जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। हालांकि अगर सेब को छिलके सहित खाया जाए तो इससे और अधिक अच्छे परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं।
साल 2019 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, सेब में बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो आंत के स्वस्थ बैक्टीरिया को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। यह मोटापे से ग्रस्त लोगों के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डाल सकता है। अध्ययन के निष्कर्ष में पाया गया कि सेब का सेवन मोटापे के जोखिम को कम करने के साथ, पहले से ही मोटापे के शिकार लोगों की सेहत को सुधारने में मदद कर सकता है।