नई दिल्ली: सेना के तीनों अंगों के प्रमुख मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अलग-अलग मुलाकात करके उन्हें अग्निपथ योजना और इसके क्रियान्वयन की जानकारी दे सकते हैं. सेना में भर्ती की इस नयी योजना के विरोध में कई राज्यों में हो रहे प्रदर्शनों के बीच यह बैठक हो सकती है. प्राप्त जानकारी के अनुसार सेना के तीनों अंगों के प्रमुख प्रधानमंत्री को इस योजना के क्रियान्वयन के विभिन्न पक्षों की जानकारी दे सकते हैं.
प्रधानमंत्री और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के बीच बैठक के बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है. अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा 14 जून को की गई थी जिसके बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को इस योजना को शुरू करते हुए कहा था कि यह एक परिवर्तनकारी योजना है और इससे देश के सशस्त्र बलों को युवा प्रोफाइल मिलेगी.
योजना का नाम लिए बिना और न ही उसके विरोध का जिक्र किए हुए पीएम मोदी ने रविवरा को संकेतों में कहा था कि यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि अच्छे इरादे से लाई गई कई अच्छी योजनाएं राजनीतिक रंग में फंस जाती है. उन्होंने कहा था कि टीआरपी और मजबूरी के चलते मीडिया भी इसमें घसीटा जाता है.
अब एक दिन बाद सोमवार को पीएम मोदी ने बेंगलुरु में कहा कि सरकार द्वारा लिए गए कुछ फैसले जरूर अनुचित और खराब लग सकते हैं लेकिन यही फैसले बाद में राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे.
केंद्र सरकार की इस योजना को लेकर देशभर में विरोध देखा जा रहा है. छात्रों के साथ साथ राजनीतिक जगत के लोग भी इसका विरोध कर रहे हैं. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अग्निपथ योजना को सरकार की नई भूल बताया है. वहीं दूसरी तरफ सेना ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह सेना के लिए एक बड़ा कदम है.