लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गुरुवार को आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना है। उपचुनाव में जहां समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी ताकत आजमगढ़ में झोंक दी है वहीं दूसरी ओर रामपुर के किले को फतह करने के लिए बीजेपी ने अपने दर्जनभर से ज्यादा मंत्रियों को चुनावी समर में उतार दिया है। सपा के कद्दावर नेता आजम खां के करीबी आसिम राजा एक तरफ अकेले हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी के मंत्रियों और नेताओं की लंबी चौड़ी फौज जो हर हाल में रामपुर के किले को भेदना चाहती है। राजनीतिक पंडितों की माने तो लोकसभा का उपचुनाव आजम के लिए अग्निपथ से कम साबित होने वाला नहीं है।

आजमगढ़ की तुलना में रामपुर में आजमगढ़ की तुलना में रामपुर में सत्तारूढ़ दल ने कम से कम 16 राज्य मंत्रियों को मतदाताओं के बीच प्रचार के लिए तैनात किया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को जनसभाओं को संबोधित किया था, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को घनश्याम सिंह लोधी के समर्थन में चुनाव प्रचार की अंतिम तिथि के दिन दो जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं। भाजपा उम्मीदवार, जो सपा के पूर्व एमएलसी हैं, आजम के लंबे समय के सहयोगी आसिम राजा के खिलाफ हैं।

मंत्रियों की कमान सुरेश खन्ना के हाथ में रामपुर का अक्सर दौरा करने वाले वरिष्ठ मंत्रियों में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी शामिल हैं, जो अब तक स्थानीय व्यापारियों के संघों, चार्टर्ड एकाउंटेंट और टैक्स बार एसोसिएशन के वकीलों से मिल चुके हैं। समाज कल्याण, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण मंत्री, पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण ने विभिन्न इलाकों में जाटव दलितों की सभाओं को संबोधित किया है।

भाजपा ने दलितों तक पहुंचने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी और राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान को भी तैनात किया है। ओबीसी-ब्राह्मण और दलित मंत्रियों को तरजीह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के रूप में वर्गीकृत लोध समुदाय के मतदाताओं को एकजुट करने के लिए भाजपा ने बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री बी एल वर्मा और यूपी के सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह को निर्वाचन क्षेत्र भेजा है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री जितिन प्रसाद ने प्रबुद्ध वर्ग (बुद्धिजीवियों) और ब्राह्मणों की बैठकों को संबोधित किया है। जबकि यूपी के पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं जबकि कपिल देव अग्रवाल, धर्मवीर प्रजापति, जसवंत सैनी और राकेश सचान कुछ अन्य मंत्री हैं जिन्होंने रामपुर का दौरा किया है।

आजमगढ़ की तुलना में रामपुर में जीतने की संभावनाएं ज्यादा भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया, “हम रामपुर पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि आजमगढ़ की तुलना में उस सीट को जीतने की संभावना अधिक है। बीजेपी ने अतीत में यह सीट जीती थी। बहुसंख्यक मुसलमानों के कारण मुकाबला कांटे का होने की उम्मीद है। हमें हिंदू वोटों के बंटवारे से बचना है। हमने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए जातिगत समीकरणों के अनुसार मंत्रियों और नेताओं को तैनात किया है। हम दलितों पर विशेष ध्यान दे रहे हैं क्योंकि बसपा (बहुजन समाज पार्टी) चुनाव नहीं लड़ रही है और यह हमारे लिए जीतने का एक अवसर है।