लखनऊ। केंद्र सरकार की तरफ से पीएम क‍िसान सम्‍मान न‍िध‍ि की 11वीं क‍िस्‍त के 2000 रुपये ट्रांसफर क‍िए जाने के बाद 12वीं क‍िस्‍त का इंतजार क‍िया जा रहा है. पीएम क‍िसान की 11वीं क‍िस्‍त को प्रधानमंत्री मोदी ने 31 मई को एक कार्यक्रम के दौरान ट्रांसफर क‍िया था. लेक‍िन 12वीं क‍िस्‍त से पहले ही क‍िसानों के ल‍िए एक और खुशखबरी आ रही है.

यह खबर केवल उत्‍तर प्रदेश के क‍िसानों के ल‍िए है. जी हां, उत्‍तर प्रदेश की योगी सरकार ‘कृष‍ि कर्ज माफी योजना’ को फ‍िर शुरू करने की तैयारी में है. सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ के पहले कार्यकाल में इस योजना को अचानक बंद कर द‍िया गया था. यही कारण रहा क‍ि कुछ क‍िसान इसका फायदा नहीं उठा सके. अब सरकार की तरफ से ऐसे क‍िसानों के ल‍िए योजना को फ‍िर से शुरू करने पर व‍िचार क‍िया जा रहा है.

योजना को यूपी सरकार की तरफ से स‍ितंबर 2019 में बंद कर द‍िया गया था. दरअसल, यूपी सरकार की कर्ज माफी योजना वापस लेने से ज‍िन क‍िसानों को फायदा नहीं म‍िल पाया था. उनमें से कुछ हाईकोर्ट गए थे. इसके बाद सरकार उन्‍हें इस योजना फायदा देने का व‍िचार कर रही है.

प‍िछले द‍िनों पूर्व मुख्‍य सच‍िव दुर्गाशंकर म‍िश्र की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में योजना के ल‍िए बजट पर चर्चा हुई और इसे जारी करने का फैसला क‍िया गया. अब उम्‍मीद की जा रही है क‍ि योजना का लाभ लेने से वंच‍ित क‍िसानों को स‍ितंबर-अक्‍टूबर तक धनराश‍ि देने का प्रावधान क‍िया जाए.

सरकार की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया क‍ि हाईकोर्ट को पहले ही यह जानकारी दी जा चुकी है क‍ि सरकार उन सभी पात्र क‍िसानों के कर्ज माफ करेगी, ज‍िनकी याच‍िकाएं अदालत में लंब‍ित हैं. आने वाले महीनों में अनुपूरक बजट में आवंटन करने के बाद बाकी क‍िसानों के फसल लोन माफ क‍िए जाएंग

आपको बता दें मार्च 2017 में पहली बार यूपी की सत्‍ता संभालने के बाद सीएम योगी ने क‍िसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी. सरकार की तरफ से कहा गया था क‍ि 31 मार्च, 2016 या इससे पहले ल‍िए गए लोन छोटे और सीमांत क‍िसानों द्वारा ल‍िए गए 1 लाख रुपये तक के फसल लोन को माफ कर द‍िया जाएगा.

शुरुआत में बैंकों ने कर्जमाफी के ल‍िए 66 लाख क‍िसानों की सूची दी थी. लेक‍िन जांच के बाद ल‍िस्‍ट में घटकर 45 लाख लोग रह गए. दूसरी तरफ सरकार ने स‍ितंबर 2019 में योजना को बंद करने की घोषणा कर दी. अब सरकार को बाकी बचे दावों को न‍िपटाने के ल‍िए 200 करोड़ की राश‍ि आवंट‍ित करनी पड़ सकती है.