मेरठ. एनएचएआइ का हाईवे-58 स्थित सिवाया टोल प्लाजा पर एक जुलाई से अगर टोल फीस बढ़ी तो 78 किमी का सुहाना सफर मुश्किल हो जाएगा। एक तरफ जहां एनएचएआइ टोल फीस कितनी बढ़े, इस पर मंथन कर रहा है। वहीं दूसरी ओर टोल प्लाजा से हर रोज गुजरने वाले वाहन स्वामी टोल फीस बढ़ने पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ मानकर चल रहे हैं। हालांकि अभी टोल प्लाजा की वेस्टर्न यूपी टोलवे कंपनी की ओर से एनएचएआइ मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसे में एनएचआइ टोल फीस बढ़ाता है अथवा पुरानी दरों को ही जारी रखता है, इस पर 25 या 26 जून को स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
हाईवे-58 पर मेरठ स्थित एनएचएआइ के सिवाया टोल प्लाजा की सीमा परतापुर तिराहे से मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे तक 78.310 किमी है। इस टोल से सोमवार से शुक्रवार तक प्रत्येक 24 घंटे में करीब 30 से 35 हजार वाहन गुजरते हैं। वहीं शनिवार और रविवार को वीकेंड के चलते वाहनों का यह आंकड़ा 50 हजार से ऊपर कूद जाता है। वर्ष 2020 में कोविड-19 की वजह से लाकडाउन लगने पर एनएचएआइ ने टोल फीस नहीं बढ़ाई थी।
मगर, वर्ष-2021 में दस रुपये से लेकर बीस रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई थी। वहीं हर साल एक जुलाई को टोल फीस बढ़ाई जाती है, ऐसे में वेस्टर्न यूपी टोलवे कंपनी ने एनएचएआइ मुख्यालय को पुरानी दरों का प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। अगर, टोल फीस में बढ़ोत्तरी होती है तो वह जल्द ही जारी कर दी जाएगी, ताकि तीस जून की रात 12 बजे से बढ़ी दरों के आधार पर टोल फीस ली जा सके। टोल फीस बढ़ने से पहले ही वाहन स्वामियों ने इसका विरोध किया है। इस मामले में टोल प्लाजा के उप-महाप्रबंधक प्रदीप चौारी का कहना है कि अभी सिर्फ प्रस्ताव भेजा है, एक जुलाई से टोल फीस बढ़ेगी, अथवा नहीं यह 25-26 जून को स्पष्ट हो जाएगा।
महंगाई दर के हिसाब से टोल फीस बढ़ती है, मगर अभी भी पेट्रोल-डीजल महंगा है, जिस वजह से भाड़ा सस्ता और खर्चा अधिक उठाना पड़ रहा है। ऐसे में टोल फीस और बढ़ती है तो वाहन स्वामी पर ही इसका आर्थिक बोझ पड़ेगा।
वर्तमान में भी टोल फीस सस्ती नहीं हैं। सिवाया टोल पर 24 घंटे में कम फीस पर वापसी की भी सुविधा नहीं हैं। ऐसे में टोल फीस को बढ़ाना उचित नहीं है।