मेरठ. मेरठ के युवा अंकित कुश ने ग्लेशियर पर दोस्ती की नई कहानी लिखी है। सोलांग की 18हजार फिट ऊंची फ्रैंडशिप वैली में अंकित ने बेहद खराब मौसम में चढ़ाई का सफर पूरा किया। पहाड़ी सफर पूरा कर अंकित सकुशल मेरठ लौट चुके हैं। 17 जून को यात्रा पर निकले अंकित 23 जून को वापस लौटे। अंकित कहते हैं इस सफर में मुश्किल थी मगर अंजाने दोस्तों के साथ ने मुझे हौसला दिया और मैं सफर पूरा कर सका।
बर्फ में हमारे टेंट्स भी दब गए
फ्रैंडशिप वैली पर 25 फीसदी चढ़ाई पूरा कर चुका था। तभी अचानक मौसम खराब हुआ और बर्फवारी शुरू हो गई। बर्फवारी के कारण आगे का सफर रोकना पड़ा। मेरे अलावा दूसरे जो भी मुसाफिर थे सभी बर्फ में फंस गए। बर्फ इतनी तेज थी कि हमारे टेंट्स भी दब गए। कौन कहां था किसी को पता नहीं चला। जो लोग साथ थे वो भी बिछड़ गए। किसी को आइडिया नहीं था कि 15 घंटे लगातार बर्फवारी होने वाली है। कई लोगों के पास खाने का सामान भी नहीं था। बर्फीले तूफान में फंसे लोग अपने साथियों से भी बिछड़ने लगे।
अंकित बताते हैं पहाड़ों के मौसम को आप भांप नहीं सकते, कब क्या हो जाए। ये भी अचानक हुआ। बर्फ इतनी ज्यादा थी कि अब हम बर्फ में दबने लगे क्योंकि हम नीचे भी नहीं उतर सकते थे आगे भी नहीं जा सकते थे। मजबूरन हमें उन्हीं दबे हुए टेंट्स में 15 घंटे गुजारने पड़े। जिसके पास जो सामान था उसी को खाकर हमने काम चलाया। एक दूसरे को हिम्मत बंधाते रहे कि सब ठीक होगा। फोन के सिग्नल भी लॉस्ट हो चुके थे। 15 से 16 घंटे बाद जब मौसम साफ होने लगा तब हमें लगा कि हम सेफ हैं।
अंकित इससे पहले केजीएल यानि कश्मीर गेट लेक जो 12हजार फिट ऊंची है उस पर चढ़ाई कर चुके हैं। ये दूसरी वैली थी जिसको उन्होंने समिट किया है। मौसम खराब होने के कारण इस समिट को पूरा करने में डेढ़ दिन का अतिरिक्त समय लगा। अंकित के पिता विजेंद्र दत्त शर्मा भी बेटे के सकुशल घर लौटने पर खुश हैं। इस सफर में बैंग्लोर के मनोज, उडीसा के भावास, बिहार से राजीव, उडीसा से ही सौभाग्य और हिमांचल के शाहिद भी अंकित के साथ रहे।