मेरठ। मेरठ-गढ़ हाईवे-709ए के चौड़ीकरण के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं। सबसे अधिक दिक्कत हाईवे के किनारे खड़े पेड़ों को लेकर है। मेरठ क्षेत्र में आठ हजार पेड़ों का कटान किया जाना है। इनमें से तीन हजार पेड़ ही अभी तक काटे जा सके हैं। पांच हजार पेड़ किनारे पर खड़े होने से चौड़ीकरण का कार्य बाधित हो रहा है। कमिश्नर ने संबंधित विभाग को पेड़ कटान के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।

मेरठ-गढ़ हाईवे-709ए का चौड़ीकरण का कार्य 2024 के मध्य तक पूरा किया जाना है। इसके लिए तेजी से निर्माण कार्य शुरू किया गया है लेकिन किनारे खड़े पेड़ निर्माण क राह में अवरोधक बन रहे हैं। मेरठ से गढ़ तक 25 हजार पेड़ों का कटान किया जाना है। जिसमें से अभी तक 15 हजार पेड़ों का कटान ही किया जा सका है। इसमें भी मेरठ क्षेत्र में आठ हजार पेड़ों में से तीन हजार पेड़ ही हटाए जा सके हैं। जबकि पांच हजार पेड़ अभी भी खड़े हुए हैं। पेड़ों के कटान की रफ्तार धीमी होने से चौड़ीकरण का कार्य भी बाधित हो रहा है। इसके अलावा हाईवे के चौड़ीकरण के साथ तैयार होने वाले पांच बाइपास का कार्य भी धीमी गति से हो रहा है।

पेड़ कटान की स्थिति की समीक्षा कर सप्ताह भर पहले कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने संबंधित विभाग को तेजी से पेड़ों का कटान करने के लिए निर्देशित भी किया था। एनएचएआइ मुरादाबाद के परियोजना निदेशक राकेश सूद ने बताया कि हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य हर स्तर पर तेजी से पूरा किया जा रहा है। लेकिन किनारे खड़े पेड़ों का कटान न होने से कार्य बाधित हो रहा है। इस संबंध में कमिश्नर को भी अवगत कराया गया है।