नई दिल्ली. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को नियमित तलाशी के दौरान कुछ कैदियों ने जेल अधिकारियों की टीम को रोका और गाली गलौज की, जिसके बाद दोनों पक्षों में हाथापाई हो गई। 5 महीने में इस तरह की ये तीसरी घटना है।
जेल अधिकारियों के मुताबिक, कर्मचारियों ने हाथापाई के दौरान कैदियों को नियंत्रण करने की कोशिश की, लेकिन कैदी खुद ही दीवार से अपना सिर पीटना शुरू कर दिया और तेज धार वाली वस्तुओं से खुद को घायल कर लिया। इस घटना में 16 कैदी घायल हो गए हैं। इनमे से 4 को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। हालांकि गंभीर रूप से कोई भी घायल नहीं हैं।
तिहाड़ जेल में ये कोई पहली बार घटना नहीं हुई है बल्कि 20 अप्रैल को भी कैदियों के दो गुटों के बीच झड़प हो गई थी। वर्चस्व को लेकर हुई लड़ाई में 15 कैदी घायल हो गए थे। उस समय भी 4 लोगों को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
तिहाड़ जेल में फरवरी में भी कैदियों के बीच मारपीट हो गई थी। दो गुटों के बीच मारपीट की इस घटना में अन्य कैदियों के भी शामिल हो जाने से बड़ा बवाल खड़ा हो गया था। हालांकि जेल कर्मचारियों ने सिचुएशन को कंट्रोल कर लिया था, लेकिन इस दौरान 6 कैदी और 2 जेल कर्मचारी घायल हो गए थे।
जेल में लगातार हो रही घटनाओं को रोकने के लिए जेल प्रशासन की तरफ से विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। जेल में ज्यादा से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। कैदियों के आसपास से धारधार सामान हटाए जा रहे हैं। उपद्रव करने वालों को अलग-अलग रखा जा रहा है।