नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बीच भारत में पहली बार दुर्लभ ‘थाली’ जैसे पैरों वाला चमगादड़ खोजा गया है. चौड़े पैरों वाला चमगादड़ मेघालय की एक वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी में मिला है. ये चमगादड़ ज्यादातर बांस के जंगलों में मिलता है. जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों ने इसे खोजा है. अब सवाल है कि क्या इस नए चमगादड़ में भी कोरोना वायरस फैलने का खतरा है?

यूडिसकोपस डेंटिकुलस
जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के साइंटिस्ट डॉक्टर उत्तम सैइकिया और यूरोपियन नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के वैज्ञानिकों ने मेघालय के नॉन्गखिलेम वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के लाईलाड इलाके में बांस के जंगलों के बीच थाली जैसे पैरों वाले चमगादड़ खोजे हैं. चमगादड़ की इस प्रजाति को यूडिसकोपस डेंटिकुलस (Eudiscopus denticulus) कहते हैं.

बेहद अजीब होते हैं ये चमगादड़

ये चमगादड़ अपने पैरों की बनावट की वजह से बहुत अलग दिखते हैं. इनके पैर नारंगी रंग के होते हैं और अंगूठों में थाली जैसा आकार होता है. इस चमगादड़ को खोजने की रिसर्च रिपोर्ट स्विट्जरलैंड के जर्नल Revue Suisse de Zoologie में प्रकाशित हुई है. डॉक्टर उत्तम और उनकी टीम इस चमगादड़ के DNA टेस्ट से हैरान रह गई.

बांस के झुरमुट में आवास
ये चमगादड़ बांस के झुरमुट में रहते हैं. डॉक्टर उत्तम के मुताबिक, ये बांस की टहनियों और शाखाओं के जोड़ पर अपने थाली जैसे पैरों से चिपककर आराम से रहते हैं. साथ ही बांस के झाड़ इन्हें शिकारियों से भी बचाते हैं.

चमगादड़ों पर रिसर्च
गौरतलब है कि डॉक्टर उत्तम सैइकिया और उनकी टीम पिछले कई सालों से भारत के चमगादड़ों पर रिसर्च कर रही है. इन्होंने देश की कई अलग-अलग जगहों पर जाकर चमगादड़ों से संबंधित जानकारी इकट्ठा की है. मेघालय से ही 66 प्रजातियों के चमगादड़ खोजे हैं.

इसमें भी कोरोना वायरस
इस अलग प्रजाति के चमगादड़ यानी यूडिसकोपस डेंटिकुलस (Eudiscopus denticulus) चमगादड़ों की फैमिली वेस्परिटिलियोनिडे (Vespertilionidae) के सब-जीन्स है. वेस्पर चमगादड़ों में भी कोरोना वायरस पाया जाता है. इस तरह के वायरस को अल्फा-कोरोना वायरस (Alphacoronavirus) कहते हैं.