नई दिल्ली। अगर आप विदेश जाने की सोच रहे हैं तो उससे पहले आपको उस देश द्वारा लगाए गए कानूनों के बारे में पता होना चाहिए। नियम, कानून और संस्कृति ऐसी चीज है जो हर देश में अलग होती है। कुछ देश ऐसे हैं, जहां के कानून आपको हैरान कर देंगे और आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि यह भी कोई कानून है।
अगर आप सिंगापुर में रहते हुए च्युइंग गम खाने की सोच रहे हैं तो इस विचार को तुरंत अपने मन से हटा दीजिए। इसकी वजह यह है कि सिंगापुर ने 1992 से च्युइंग गम की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। जो कोई भी इसे बेचते या रखते हुए पाया जाता है, उसे 100,000 अमेरिकी डालर का भारी जुर्माना देना पड़ता है। इसके अलावा, दो साल तक की जेल भी हो सकती है।
सिंगापुर के कानून के अनुसार, च्युइंग गम पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि उन्हें सड़ने और जमा होने में कई साल लग जाते हैं। हालांकि, 2004 में, कानून में कुछ हद तक ढील दी गई थी और लोग च्युइंग गम खा सकते थे बशर्ते उनके पास उचित डाक्टर का नुस्खा हो।
आपको जानकर हैरानी होगी कि स्विट्ज़रलैंड में रात 10 बजे के बाद और सुबह 7 बजे से पहले शौचालय को फ्लश करना ध्वनि प्रदूषण माना जाता है। ऐसा वहां का कानून कहता है।
श्रीलंका में भगवान बुद्ध की मूर्तियों के साथ सेल्फी लेना मना है। मूर्ति की ओर पीठ करना और तस्वीर लेना श्रीलंका में एक गंभीर अपराध है। ऐसे मामले में, आपको फोटो को हटाने के लिए मजबूर किया जाएगा और यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो पुलिस को बुलाया जाएगा। श्रीलंका में आपको केवल बुद्ध की मूर्ति के बगल में खड़े होकर फोटो क्लिक करने की अनुमति है, जिसमें आपका शरीर मूर्ति के सामने की ओर हो।
अपने पति का जन्मदिन भूल जाने की कई महिलाओं की शिकायतों का जवाब ओशिनिया के सोमोआ में है। समोआ देश ने अपनी पत्नी का जन्मदिन भूलना गैरकानूनी घोषित कर दिया है। पत्नियों को इस गलती के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है, जिसके लिए पति को कुछ समय लाक-अप में बितानी पड़ सकती है।
जब आप इटली के वेनिस जा रहे हों तो कबूतरों के लिए अपना प्यार न दिखाएं। सिएना कैथेड्रल, सेंट मार्क स्क्वायर और मिलान के डुओमो में कबूतरों की बड़ी आबादी कठिनाई पैदा करती है क्योंकि ये पक्षी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं और स्मारकों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसलिए, अगर लोग कबूतरों को खाना खिलाते पाए जाते हैं, तो उनसे इतालवी सरकार के अनुसार 700 यूरो तक का शुल्क लिया जाएगा।