मेरठ. मेरठ में कांवड़ यात्रा की तैयारी में प्रशासन की पूरी मशीनरी जुट गई है। कांवड़ यात्रा का पूरा रूटमैप तैयार कर लिया गया है। 62 सेक्टर और 22 जोन बनाए गए हैं। सभी जोन में मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। दो दिन के भीतर सभी तैयारियां पूरी करने को कहा गया है। अभी तक सड़क किनारे विद्युत खंभों पर पॉलीथिन भी नहीं लपेटी गई है। बरसात में खंभों में करंट उतरने का खतरा रहता है। इसका जिम्मा विद्युत विभाग को दिया गया था, लेकिन अभी तक इस पर काम नहीं हुआ है।
26 जुलाई को श्रावण शिवरात्रि है। इससे 15 दिन पहले कांवड़ियों का आवागन शुरू हो जाता है। बागपत के पुरा महादेव को जाने वाले कांवड़ियों को सरधना तहसील और मेरठ से होकर गुजरना पड़ता है। शहर के औघड़नाथ मंदिर पहुंचने वाले कांवड़ियों की तादाद भी लाखों में होती है। कांवड़ यात्रा पश्चिम यूपी का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, इसे शांतिपूर्ण निपटाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पहले चरण में प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान, कानून व्यवस्था, पेयजल और प्रकाश व्यवस्था की तैयारी की है।
एडीएम सिटी दिवाकर सिंह ने बताया कि मेरठ में कांवड़ियों के प्रवेश करने के चार स्थान चिन्हित हैं। सरुरपुर रजवाहे से सलावा, कल्याणपुर होते हुए पुरा महादेव मंदिर तक कांवड़िये पहुंचते हैं। इसी तरह गंगनहर से कैली होते हुए भोला की झाल जानी पुल से होते हुए पुरा महादेव मंदिर तक कांवड़िये जाते हैं। मुख्य नेशनल हाईवे पर दादरी से प्रवेश कर औघड़नाथ मंदिर तथा मवाना गंगनहर से अकबरपुर सादात, झुनझुनी, मवाना, परीक्षितगढ़, राधना, किठौर होते हुए कांवड़िये गाजियाबाद और बुलंदशहर तक सफर तय करते हैं।
सभी जोन में सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में सेक्टर मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचकर अपनी सूझबूझ से मामले का निस्तारण करेंगे। वह रूट पर पड़ने वाले ग्राम प्रधानों और मौअजिज लोगों के संपर्क में रहेंगे। कांवड़ यात्रा से पहले स्थानीय ग्रामीणों के साथ बैठक कर अपेक्षित सहयोग का अनुरोध करेंगे। इसके लिए ग्रामीणों और समाजसेवी नागरिकों की एक समिति भी गठित की जाएगी।
हरिद्वार से जल लेकर आने वाले कांवड़िये मुख्य रूप से सकौती से जनपद में प्रवेश करेंगे। दौराला, मोदीपुरम, शोभापुर चौपला, परतापुर बाईपास होते हुए दिल्ली की ओर निकल जाएंगे। इसके अलावा कुछ कांवड़िये मोदीपुरम चेकपोस्ट से मेरठ शहर में प्रवेश कर छठी वाहिनी पीएसी के सामने टैंक चौपला से होते हुए बेगमपुल पहुंचेंगे। बेगमपुल से दिल्ली रोड से होते हुए कांवड़िये दिल्ली की ओर निकल जाएंगे। कुछ कांवड़िये बेगमपुल से भैंसाली रोडवेज बस स्टैंड, रेलवे रोड चौराहा, मोहकमपुर होते हुए गाजियाबाद और दिल्ली की ओर जाएंगे। कुछ कांवड़िये बेगमपुल, हापुड़ रोड से होते हुए बिजली बंबा चौकी, खरखौदा होते हुए हापुड़ और बुलंदशहर की ओर बढ़ जाएंगे। गढ़मुक्तेश्वर, किठौर, शाहजहांपुर जाने वाले कांवड़िये टैंक चौपला से माल रोड, सीसीएस यूनिवर्सिटी, गढ़ रोड मऊखास चौकी के सामने से गुजरेंगे।
कांवड़ शिविर लगाने के लिए प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। शहरी क्षेत्र में नगर मजिस्ट्रेट और अपर नगर मजिस्ट्रेट, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एसडीएम शिविर की अनुमति प्रदान करेंगे। शिविर के आयोजक भोजन की गुणवत्ता, सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। साथ ही शिविर सड़क की पटरी छोड़कर 20 फिट की दूरी पर लग सकेगा। कांवड़ियों के लिए स्टेटिक मेडिकल कैंप लगेंगे। इनके अतिरिक्त मोबाइल मेडिकल टीमें भी गठित होंगी।
– प्लास्टिक के दोने, गिलास व चम्मच पर पूर्णतय प्रतिबंध रहेगा।
– कांवड़ मार्ग पर बगैर अनुमति के कोई वाहन नहीं चल पाएगा।
– शिविर में कटिया डालने और खुले तारों का इस्तेमाल नहीं होगा।
– ग्रामीण क्षेत्र के सभी गांवों में हलका लेखपाल भी मौजूद रहेंगे।
– सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट सरकारी वाहन ही इस्तेमाल करेंगे।
– कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले रेस्टोरेंट अपनी रेट लिस्ट लगाएंगे।
– कांवड़ सेवा शिविर मार्ग के बाईं ओर ही लगाए जा सकेंगे।
– कांवड़ मार्ग पर शराब की दुकानों पर भीड़भाड़ नहीं जुट पाएगी।
– कावंड़ मार्ग पर मीट-मछली की दुकानों पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
– उच्च न्यायालय के आदेशानुसार तेज ध्वनि के स्पीकर नहीं लगेंगे।