मेरठ. मेरठ में परतापुर के कुंडा फाटक के समीप आग का भयावह रूप देखकर हर कोई दहशत में था। केमिकल्स के ड्रम फटने से बार बार धमाके हो रहे थे, जिनकी गूंज दिल्ली हाईवे तक पहुंच रही थी। आग की लपटें भी आसमान को छू रही थी। तपिश इतनी थी कि आसपास के मकानों के बाहर भी खड़ा रहना मुश्किल हो रहा था। पुलिसकर्मी फैक्ट्री के पास तक जाने की हिम्मत तक नहीं कर पाए।

इस क्षेत्र में लगातार दूसरे आग का भयावह मंजर देखने को मिला, शुक्रवार की देररात को भी इस एरिया में एक धागा फैक्‍ट्री में भयंकर आग लग गई थी। करीब एक बजे मौके पर पहुंची दमकल की टीम ने फैक्ट्री के गेट और साइड से पानी डालना शुरू किया। लेकिन केमिकल्स की आग पर पानी का कोई असर देर रात तक दिखाई नहीं दे रहा था। सुरक्षा के लिहाज से आसपास के मकानों को खाली करा दिया गया। बाद में फोम की गाडी मंगाकर आग को काबू में करने की कवायद की जा रही थी।

केमिकल्स फैक्ट्री के पास संगम रेस्टोरेंट है। उसके चंद कदमों की दूरी पर रेलवे ट्रैक है। साथ ही रिहायशी मकान भी बने हुए है, वहां काफी परिवार रहते है। ऐसे में केमिकल्स फैक्ट्री का संचालन हो रहा था। यदि समय रहते मकानों को खाली नहीं कराया जाता तो जनहानि भी हो सकती थी। हादसे के बाद भी फैक्ट्री के स्वामी शैलेंद्र रस्तोगी मौके तक नहीं पहुंचे। उनके परिवार के कुछ सदस्य और कर्मचारियों ने बताया कि उनकी तबीयत खराब है। सवाल है कि रिहायशी एरिया में केमिकल्स फैक्ट्री का संचालन हो रहा है। दमकल विभाग को इसकी भनक तक नहीं है।

फैक्ट्री में मौजूद सिक्‍योरिटी गार्ड भी हादसे से घबराया हुआ था। उसका कहना है कि फैक्ट्री के अंदर आग बुझाने के उपकरण लगे हुए थे। लेकिन एक भी उपकरण नहीं चल सका। कुछ उपकरणों को चलाने का मौका भी नहीं मिला है। गार्ड का कहना है कि लग रहा है कि शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। सीएफओ संतोष राय का कहना है कि आग पर काबू पाने के बाद फैक्ट्री स्वामी को नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा।