नई दिल्ली. विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को होता है. 11 जुलाई 1987 को पृथ्वी की जनसंख्या 5 अरब पहुंच चुकी है। इस विशेष दिन को मनाने के लिए 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की परिषद ने जनसंख्या के मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के रूप में नामित किया.
इस तरह 11 जुलाई 1990 पहला विश्व जनसंख्या(World Population Day) दिवस बना. 31 अक्टूबर, 2011 को दुनिया की आबादी 7 अरब तक पहुंच गई और 2030 तक 8.6 अरब और 2050 तक 9.8 अरब तक पहुंचने का अनुमान भी लगाया गया.
हर साल 11 जुलाई को जनसंख्या कंट्रोल करने के उपायों पर चर्चा की जाती है. लोगों के बीच जागरुकता लाने के लिए इस दिन को मनाया जाता है. दरअसल जनसंख्या बढ़ने के कारण देश और दुनिया को जो परेशानियां जैसे इको सिस्टम और मानवता को जो नुकसान पहुंच रहा है उसके प्रति लोगों को इस दिन अलर्ट किया जाता है. इस दिन लोगों को परिवार नियोजन, गरीबी, समानता, नागरिक अधिकार, मां और बच्चे का स्वास्थ्य, गर्भनिरोधक दवाइयों के इस्तेमसल आदि ऐसी कई गंभीर समस्याओं से अवगत करा कर इन विषयों पर चर्चा की जाती है. विश्व में हमारा देश चीन के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है.
हर साल विश्व जनसंख्या दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है. इस बार कुल विश्व जनसंख्या 8 मिलियन का आंकड़ा पार करने वाली है. तो इस बार इस पर आधारित थीम भी रखी गई है. 8 बिलियन की दुनिया सभी के लिए एक लचीले भविष्य की ओर. अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना.