नई दिल्ली. नए वेज कोड के तहत सरकार का प्लान देशभर में हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी और 4 दिन काम करने का कानून लागू करने का है. लेकिन 1 जुलाई 2022 से लागू होने वाला नया लेबर कोड फिलहाल अटक गया है. दरअसल, केंद्र सरकार की मंशा थी कि इस कानून को देशभर में एक साथ ही एक ही तारीख पर लागू किया जाए. लेकिन इस पर सहमति नहीं बनने से यह लागू नहीं हो पाया.
आपको बता दें नौकरीपेशा के लिए चार बड़े बदलाव के साथ सरकार कानून लेकर आई है. 23 राज्य नए लेबर कोड के प्री-पब्लिशड ड्रॉफ्ट पर एग्री हो गए हैं. लेकिन बाकी के राज्यों इसे अभी तक नहीं अपनाया है. इस कारण इसे 1 जुलाई से लागू नहीं किया जा सका. नए लेबर कोड में हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी और 4 दिन काम करने का प्रावधान है. इसके अलावा इसमें इन हैंड सैलरी पर भी असर पड़ेगा.
नए वेज कोड लागू होने पर कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी घट जाएगी. मौजूदा स्ट्रक्चर में कर्मचारी की सैलरी में बेसिक सैलरी 30 से 40 प्रतिशत तक होती है. इसके अलावा स्पेशल अलाउंस, एचआरए, पीएफ आदि होता है. लेकिन नए स्ट्रक्चर में बेसिक सैलरी सीटीसी का 50 प्रतिशत होगी. इसका सीधा असर आपके पीएफ और ग्रेच्युटी पर पड़ेगा.
हफ्ते में 4 दिन काम और तीन दिन की छुट्टी का नियम लागू होने से कंपनियों में प्रतिदिन काम करने के घंटे बढ़ जाएंगे. इस कानून के लागू होने पर हर दिन 12-12 घंटे काम करना होगा. इसके तहत हर हफ्ते 48 घंटे काम करना जरूरी है. चार दिन की वर्किंग में रोजाना 12 घंटे काम करने का प्रावधान है.
नए वेज कोड में यदि आप मौजूदा कंपनी से नौकरी छोड़ते हैं तो कंपनी को आपका दो दिन में फुल एंड फाइनल हिसाब करना होगा. इसमें प्रावधान है कि कर्मचारी के कंपनी छोड़ने, बर्खास्तगी या छंटनी आदि किसी भी स्थिति में दो दिन में फुल एंड फाइनल हिसाब करना होगा. अभी कंपनियां इसमें 30 से 60 दिन का समय लेती हैं.