शिमला. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह गुरुवार को ठियोग में बैठक कर पार्टी नेताओं को एकजुटता का पाठ पढ़ा रहे थे, वहीं एक दिन बाद ठियोग से भाजपा के पूर्व विधायक रहे स्व. राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा कांग्रेस में शामिल हो गईं। इंदु वर्मा खुद दो बार जिला परिषद के सदस्य रही हैं और उनके पति राकेश वर्मा तीन बार ठियोग से विधायक रहे थे। ऐसे में यह भाजपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इंदु वर्मा दिल्ली में कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुई। इंदु वर्मा वर्तमान में भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य थीं और राकेश वर्मा के निधन के कुछ वक्त बाद से राजनीति में सक्रिय थीं, लेकिन भाजपा की ओर से टिकट को लेकर कोई आश्वासन न मिलने के कारण वह अब कांग्रेस में चली गई हैं। कांग्रेस के हिमाचल मामलों के प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा है कि भाजपा में भगदड़ मच गई है। इससे साफ है कि कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, बागबान और किसानों को कोई राहत नहीं मिल पाई है। महिलाओं और युवाओं को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। राजीव शुक्ला शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इंदु वर्मा कांग्रेस के साथ हैं। इंदु वर्मा के चुनाव लडऩे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में राजीव शुक्ला ने कहा कि यह फैसला पार्टी हाई कमान पर छोड़ दिया गया है।
भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुई स्व. राकेश वर्मा की धर्मपत्नी इंदु वर्मा ने ठियोग कुमारसैन विधानसभा सीट का गणित बदल दिया है। इनके इस कदम से भाजपा और कांग्रेस दोनों जगह असर होगा। कांग्रेस में इस सीट पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर के अलावा दीपक राठौर, केहर सिंह खाची, अतुल शर्मा और राजेंद्र वर्मा जैसे कई नाम हैं। अब इंदु वर्मा के आने से एक नाम और जुड़ गया है। यह वही ठियोग सीट है, जहां पर पिछले चुनाव में इंदु वर्मा के पति राकेश वर्मा को हराने के लिए कांग्रेस का वोट माकपा प्रत्याशी राकेश सिंघा के साथ हो गया था। दूसरी तरफ भाजपा में स्थिति यह है कि इस सीट पर एपीएमसी चेयरमैन नरेश शर्मा और महासू जिलाध्यक्ष अजय श्याम में से किसी एक को अगले प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है। बीच-बीच में संदीपनी भारद्वाज का नाम भी उठता है।
भाजपा संगठन के पास 10 दिनों से यह सूचना थी कि इंदु वर्मा कांग्रेस में जा सकती हैं, लेकिन उसके बावजूद बातचीत की पहल नहीं हुई। न ही उनसे संपर्क किया गया। शिमला संसदीय सीट में सह प्रभारी मुख्यमंत्री कार्यालय में नियुक्त शिशु धर्मा हैं, जबकि प्रभारी पुरुषोत्तम गुलेरिया हैं। महासू जिला के अध्यक्ष अजय श्याम खुद टिकट के दावेदार हैं और मंडल भी इनके नियंत्रण में है। इसलिए भी शायद बातचीत की पहल नहीं हुई। भाजपा में नए नेताओं को लगता है कि पुराने दावेदार दूसरी तरफ हो जाएं, तो ज्यादा आसान होगा, लेकिन इंदु वर्मा के साथ शायद ऐसा नहीं है।