पानीपत। केरल के बाद दिल्ली में मंकीपाक्स का केस सामने आया। वहीं तेलंगाना और यूपी में संदिग्ध मरीज मिलने के बाद हरियाणा में भी एक केस की सूचना से हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया और टीम घर पर पहुंची।
दिल्ली में 24 जुलाई को मंकीपाक्स का केस सामने आया। इससे पहले केरल में मंकीपाक्स के तीन केस मिल चुके हैं। केरल में 14 जुलाई को पहला केस सामने आया था। मरीज यूएई से लौटा था। वहीं, अब दिल्ली के बाद हरियाणा, यूपी, तेलंगाना और पंजाब में संदिग्ध मरीज मिलने की सूचना मिली। इससे स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी करते हुए अलर्ट रहने को कहा है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में मंकीपाक्स का एक संदिग्ध केस मिलने की सूचना से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। विभाग को जैसे ही निजी चिकित्सक से सूचना मिली टीम मरीज के घर पहुंची और केस हिस्ट्री ली। हालांकि बाद में मरीज को चिकनपाक्स का केस मान लिया गया। मरीज का सैंपल लिया है, जिसे जांच के लिए एम्स में भेजा जाएगा।
कुरुक्षेत्र के एक निजी बाल रोग विशेषज्ञ ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को कुरुक्षेत्र में संदिग्ध मंकीपाक्स केस मिलने की सूचना दे दी। इससे स्वास्थ्य विभाग की स्टेट टीम से लेकर नेशनल टीम तक हरकत में आ गई और चिकित्सक की ओर से बताए गए सेक्टर-13 स्थित मरीज के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई। विभाग की टीम ने पांच वर्षीय बच्चे के घर पहुंचकर हिस्ट्री ली। बच्चे का मंकीपाक्स की जांच के लिए सैंपल भी लिया गया है।
डिप्टी सिविल सर्जन डा. जगमेंद्र सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को निजी चिकित्सक के पास से सूचना मिली थी, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम मरीज के घर पहुंची। मगर बच्चे की न तो कोई बाहर की हिस्ट्री है, न ही बुखार और अन्य कोई लक्षण है। क्लीनिकल जांच के बाद बच्चे को चिकनपाक्स के लक्षण मिले हैं। स्टेट टीम से बात हो चुकी है। फिलहाल बच्चे का सैंपल ले लिया गया है, जिसे दिल्ली एम्स में जांच के लिए भेजा जाएगा।
दुनियाभर में मंकीपाक्स तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करा दी है। डब्ल्यूएचओ ने मंकीपाक्स मामले में हर देश की सरकार से अलर्ट रहने को कहा है।
मंकीपाक्स वायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड छह से 13 दिन तक होता है।
कई बार पांच से 21 दिन तक भी हो सकता है।