मेरठ. विशेष न्यायालय आवश्यक वस्तु अधिनियम एडीजे अंबर रावत ने 18 साल पुराने बिजली चोरी के मामले में सुनवाई करते हुए चंद्रशेखर पुत्र डीआर शास्त्री निवासी ब्रह्मपुरी को दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनकर व संदेह का लाभ देते हुए चंद्रशेखर को दोषमुक्त कर दिया।

चंद्रशेखर के अधिवक्ता मनोज मांगलिक ने बताया कि 19 जुलाई 2004 को तत्कालीन अवर अभियंता आरके शर्मा ने ब्रह्मपुरी थाने में एक लिखित सूचना दी थी। जिसमे उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर ने जैन पैलेस के पास से जा रही एलटी लाइन में केबल डाल रखा है और बिजली चोरी कर रहे है। उनकी टीम ने मौके पर चंद्रशेखर को बिजली चोरी करते हुए पकड़ लिया।

न्यायालय में अभियोजन पक्ष बिजली चोरी साबित नहीं कर सका, जिस परिसर में बिजली चोरी पकड़ी गई है, वह प्रतिवादी का है या नहीं। ये तक साबित नहीं कर सका। कार्रवाई के दौरान स्वतंत्र साक्षी भी नहीं बनाए गए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर व संदेह का लाभ देते हुए चंद्रशेखर को दोषमुक्त कर दिया।