बिजनौर. झारखंड और बिहार से गरीब घरों के बच्चों और अन्य मजदूरों को पैसों का लालच देकर मानव तस्करी का यह खेल सालों से चल रहा है। वहां से मजदूरों को लाने के लिए बाकायदा ठेकेदार भी बन गए हैं। पकड़े गए तस्करों में शामिल चार आरोपी जिले के एक सफेदपोश के नजदीकी बताए जा रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपी झारखंड से गरीबों के बच्चों को लालच देकर लेकर आते हैं। कभी-कभी डरा धमकाकर हरिद्वार व अन्य स्थानों पर घुमाने का लालच भी दिया जाता है। आरोपी झारखंड से बिजनौर में संपर्क स्थापित कर और पैसों का सौदा करके चले जाते थे। जो बिजनौर में लाकर रात में किशोरों और अन्य मजदूरों की खरीद-फरोख्त कर रहे थे।
बता दें कि 24 लोगों को झारखंड से नौकरी और काम दिलाने का झांसा देकर लाया गया था। इनके परिवारों को कुछ रुपये एडवांस देकर साथ लाते थे, फिर उन्हें मोटी रकम में बेच देते थे। आरोपियों को रिमांड पर लेकर यह पता कराया जाएगा कि पहले झारखंड राज्य से बच्चों को लाकर बिजनौर में कब-कब, कहां-कहां और किसको बेचा गया गया, इसकी जानकारी की जाएगी। पुलिस सूत्रों की मानें तो ये आरोपी सालों से इस खेल में लगे हुए थे।
यूं तो जिले में एएचटीयू थाना बने हुए दो साल हो चुके हैं। थाना बनने से दो साल पहले से यह यूनिट सेल के रूप में काम करती रही, लेकिन पहला केस अब दर्ज हुआ है। मानव तस्करी करने वाले गिरोह के पकड़े जाने के बाद थाने में पहला केस दर्ज हुआ। जिसे नंबर एक मिला है। फिलहाल इस थाने को अपना भवन अभी नहीं मिल पाया है।
जिले में 21 थाने थे, दो महिला थाना बनने के बाद संख्या 23 हो गई। अब एएचटीयू थाना बनाए जाने के बाद संख्या बढ़कर 24 हो गई। बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और मानव तस्करी रोकने के मकसद से बनाए गए थाने का फिलहाल अपना भवन नहीं है। यह थाना पुलिस कार्यालय के एक कक्ष में संचालित किया गया है। दो साल पहले यह थाना बनाया गया, जबकि एएचटीयू यूनिट सेल के रूप में चार सालों से काम कर रही थी।
थाना बनाए जाने के बाद इसे सीसीटीएनएस से लिंक नहीं किया जा सका था। जनवरी 2022 में इसे लिंक किया, लेकिन तब से लेकर अब तक मुकदमा दर्ज करने की नौबत नहीं आई। वहीं गुरुवार को झारखंड से मानव तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ा गया तो एफआईआर दर्ज हुई।
गुरुवार सुबह 6 बजकर 29 मिनट पर इस थाने के कंप्यूटर में एफआईआर लिखी जा रही थी। दरअसल, यह पहला केस था, जो कि थाना बनने के बाद दर्ज किया गया। प्रभारी निरीक्षक अजीत रौरिया ने बताया कि थाना बनने के बाद यह पहली एफआईआर दर्ज हुई है। एएसपी सिटी डॉ. प्रवीन रंजन सिंह ने बताया कि इस थाने में यह पहला केस दर्ज हुआ है जोकि इतिहास के पन्नों में दर्ज रहेगा।