मेरठ: रैपिड ट्रेन बिजली विभाग पर बोझ नहीं बनने वाली। यह अपने लिए खुद बिजली पैदा करेगी। इसके लिए रैपिड प्रशासन ने बाकायदा पूरा ब्ल्यू प्रिंट भी तैयार कर लिया है जिसके तहत साहिबाबाद स्टेशन पर बिजली पैदा करने का पूरा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट से हर साल लगभग साढें चार लाख यूनिट बिजली पैदा होगी। उक्त जानकारी रैपिड के जनसम्पर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने दी। उन्होंने बताया कि रैपिड के प्रायोरिटी सैक्शन (प्राथमिक खंड) के अन्तर्गत साहिबाबाद स्टेशन का निर्माण कार्य अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है और इसके बाद इसी स्टेशन की छत पर सौर ऊर्जा का यह पूरा प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
फिलहाल रूफ शेड बनाने का कार्य शुरु हो चुका है। इस स्टेशन की रूफ शेड पर कुल 1100 सोलर पैनल लगाए जाएंगे। जिनसे पैदा होने वाली सौर ऊर्जा खुद रैपिड के प्रोजेक्ट में काम आएगी। इससे जहां एक ओर स्टेशन जगमगाएंगे वहीं अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरण भी इससे रोशन होंगे। बकौल पुनीत वत्स यदि स्टेशन की क्षमता से अधिक बिजली पैदा होती है तो उसे बाकी कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाएगा।
रूफ शेड पर लगे ये सोलर पैनल स्टेशन के एएसएस के माध्यम से स्टेशन के विभिन्न हिस्सों में विद्युत आपूर्ति करेंगे। उन्होंने बताया कि जो आकार स्टेशन का होगा वहीं आकार स्टेशन की रूफ का भी रहेगा। उधर, साहिबाबाद के इस स्टेशन को पूरी तरह से तैयार करने के लिए यहां ट्रैक बिछाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया है ताकि स्टेशन की छत पर सोलर पैनल समय से लगाए जा सकें।
इसके साथ ही इस स्टेशन पर ट्रेनों के संचालन के लिए ट्रैक्शन यानि कि बिजली की लाइनों को लगाए जाने का कार्य भी युद्ध गति से जारी है। इसके साथ ही स्टेशन पर ट्रेन संचालन के लिए सिंग्नलिंग का कार्य भी अपने अन्तिम चरण में पहुंच गया है। बताते चलें कि साहिबाबाद स्टेशन दिल्ली मेरठ कॉरिडोर पर उत्तर प्रदेश में पड़ने वाला पहला आरआरटीएस स्टेशन होगा।
इस स्टेशन को वैशाली से मोहन नगर की तरफ मदन मोहन मालवीय मार्ग के बायीं ओर बनाया जा रहा है। यूनिवर्सल एक्सेस की संकल्पना पर आधारित उक्त स्टेशन पर सभी सुविधाएं आधुनिक होंगी। मल्टी मॉडल इंटीग्रेशन की मदद से यात्रियों को यहां मॉर्डन फास्ट ट्रांसिट की सुविधा भी मिलेगी।
उधर, पुनीत वत्स ने यह भी बताया कि स्वच्छ और हरित पर्यावरण की दिशा में एनसीआरटीसी इस स्टेशन के लिए आईजीबीसी प्रमाणन की उच्चतम रेटिंग हासिल करने के लिए भी प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि इसे प्राप्त करने के लिए व हरित ऊर्जा के दोहन के लिए स्टेशन की छत पर सौर पैनल लगाने का फैसला लिया गया है।