कोलकाता। दुर्लभ बीमारी से पीड़ित एक युवती जन्म के बाद से ठोस खाना नहीं निगल पाती थी, कोलकाता के एक निजी अस्पताल के डाक्टरों ने सफल आपरेशन कर उसे नई जिंदगी दी है। 19 वर्षीय रजिया खातून जन्म के बाद से ही दुर्लभ बीमारी ऐकलेजिया कार्डिया से पीड़ित थी। इसकी वजह से वह कुछ भी ठोस खाना नहीं खा पाती थी। परेशान अभिभावक ने कोलकाता के आमरी अस्पताल, मुकुंदपुर के डाक्टरों की शरण ली। डाक्टरों ने कड़ी मशक्कत के बाद रजिया का सफल आपरेशन किया जिससे वह अब ठोस भोजन कर सकेगी।

डाक्टरों ने बताया कि रजिया जन्म के बाद से ही ऐकलेजिया कार्डिया से पीड़ित थी। उन्होंने बताया कि आमतौर पर एक इंसान भोजन को निगलता है तो भोजन नलिका के निचले हिस्से में पाया जाने वाला स्फिंगक्टर खुलता है और खाने को पेट में जाने देता है। तंत्रिका कोशिकाएं स्फिंगक्टर की खुलने और बंद होने की प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं। जो लोग ऐकलेजिया कार्डिया से पीड़ित होते हैं, उनकी तंत्रिका कोशिका धीरे-धीरे गायब हो जाती है। इन कोशिकाओं के न होने से स्फिंगक्टर को आराम करने का मौका नहीं मिलता। परिणाम स्वरूप भोजन नलिका में खाना इकट्ठा होने लगता है। इससे भोजन निगलने में दिक्कत आती है, उल्टी होने लगती है और वजन कम होने लगता है।

युवती की सर्जरी करने वाले डा. संजय मंडल ने कहा कि रजिया और उसके अभिभावक पहले अस्पताल आए थे। टेस्ट के बाद पता चला कि बच्ची को ऐकलेजिया कार्डिया है जो 20 लाख बच्चों में से किसी एक यह बीमारी होती है। बड़ी बात यह कि इस युवती का 14 साल में यह दूसरा आपरेशन है। आमरी अस्पताल, मुकुंदपुर के डा संजय मंडल और डा सुबाशीष साहा ने यह सफल आपरेशन को अंजाम दिया। मालूम हो कि युवती का पहली बार आपरेशन वर्ष 2008 में डा सुबाशीष साहा ने किया था। इस बार मामला काफी जटिल था। साथ ही इसमें जोखिम भी ज्यादा थे। बावजूद इसके डा. संजय मंडल और डा सुबाशीष साहा ने बच्ची की दूसरी बार सर्जरी की। डा. संजय मंडल ने बताया कि अब रजिया सामान्य रूप खाना खा सकेगी।