कोडरमा। वन विभाग ने गिद्धों के संरक्षण को बढावा देने के लिए कोडरमा में गिद्ध भोजनालय बनवाया है। यह जिले के तिलैया नगर परिषद के अंतर्गत गुमो में बनाया गया है। यहां गिद्धों को पशुओं के शव परोसे जाएंगे। इसको लेकर गोशाला और नगरपालिका के लिए प्रोटोकॉल बनाने की तैयारी की जा रही है। पशु शवों को गोशाला और नगरपालिका इलाके से लाया जाएगा। लेकिन इससे पूर्व यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शव हानिकारक दवाओं से मुक्त है। प्रोटोकॉल तैयार होते ही रेस्तरां शुरू हो जाएगा।
झारखड में गिद्धों की छह प्रजातियां पाई जाती है। इनमें जिप्स बेंगलेंसिस, जिप्स इंडिकस, जिप्स हिमालयन्स, इजिप्शियन, साईनेरियर और रेड हेडेड गिद्ध। इनमें से चार प्रजातियां जिप्स बेंगलेंसिस, जिप्स इंडिकस, जिप्स हिमालयन्स और इजिप्शियन गिद्ध कोडरमा में देखे गए हैं। सभी प्रजातियों पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। हजारीबाग में 2008 में हुए सर्वे के अनुसार सिर्फ 150-200 के बीच गिद्ध पाए गए और उनके पांच बच्चे भी देखे गये थे। 2010 में इनकी संख्या 200-250 के बीच पाई गयी और 13 बच्चे देखे गए। 2013 में इनकी संख्या 250-300 के बीच होने का अनुमान लगाया गया। 2014 से 2019 तक इनकी संख्या लगभग 350 से 450 होने का अनुमान था। 2021 सर्वे के अनुसार इनकी संख्या लगभग 400 के आस-पास होने का अनुमान है। इनके घोसले सिर्फ हजारीबाग और कोडरमा में देखे जा रहे हैं।