मेरठ। एडीजी राजीव सभरवाल के निरीक्षण में शनिवार को मवाना थाना पुलिस की कार्यशैली की कलई खुल गई। लूट, चोरी की वारदात में बदमाशों की गिरफ्तारी और सामान की बरामदगी के बजाय एफआर लगी मिली। यह देख एडीजी ने इंस्पेक्टर से नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी। थाने की पत्रावली भी अधूरी मिली।
एडीजी दोपहर करीब एक बजे थाने पहुंचे। उस समय थाना दिवस पर एसडीएम अखिलेश यादव लोगों की समस्या सुन रहे थे। एडीजी फरियादियों से पूछताछ कर थाने के कंप्यूटर कक्ष में पहुंचे। रिपोर्ट पर कार्रवाई की स्थिति जांची तो बाइक चोरी समेत अन्य लूट के केस में एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट लगी मिलीं। अन्य रिकार्ड भी अधूरा था और वांछितों की अच्छी खासी संख्या थी। उन्होंने इंस्पेक्टर विष्णु कौशिक पर नाराजगी जताई।
एडीजी ने सीओ उदय प्रताप सिंह से भी नाराजगी जताते हुए कहा कि थाने में अनियमितता की भरमार है और अभिलेख अधूरे हैं। उन्होंने सीओ से सवाल किया कि आप कैसी मानीटरिंग करते हैं। धोखाधड़ी में नहीं हो रही सुनवाई थाने पर एडीजी को हस्तिनापुर के बंगाली बस्ती निवासी कस्तूरीलाल ने प्रार्थना-पत्र देकर आरोप लगाया कि एक वसीयत में उसके साथ धोखाधड़ी हुई है। अधिवक्ता ने कोरे स्टाम्प पर हस्ताक्षर ले लिए थे। फोटो व आधार कार्ड पहले ही ले लिए थे। उसने अंदेशा जताया कि उसके साथ बड़ी धोखाधड़ी हो सकती है। इस संबंध में पुलिस द्वारा कोई सुनवाई नहीं हो रही और हस्तिनापुर पुलिस ने रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की।