मेरठ। बुधवार को कार्यालय खुलते ही एक अधिवक्ता ने एडीएम प्रशासन के पेशकार को कोर्ट में जमकर पीटा। कर्मचारी इकट्ठा हुए तो अधिवक्ता अपने साथियों के साथ आने की धमकी देता निकल गया। विवाद अवैध शराब के साथ पकड़ी गई एक गाड़ी को छुड़ाने के लिए कोर्ट में भेजे जाने वाली रिपोर्ट को लेकर हुआ। जिलाधिकारी ने मारपीट की घटना को गंभीरता से लेते हुए एडीएम प्रशासन को कार्रवाई का निर्देश दिया और कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने भी आक्रोश जताया।

आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की कार्रवाई होने लगी तो आरोपी अधिवक्ता के पिता और आरोपी अधिवक्ता ने एडीएम प्रशासन कार्यालय पहुंचकर हाथ जोड़कर माफी मांगी। इसके बाद मामकोर्ट में पेशकार को पीटने की घटना की जानकारी जिलाधिकारी दीपक मीणा को हुई तो उन्होंने तत्काल एडीएम प्रशासन को कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

एडीएम प्रशासन ने कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली और एफ आई आर दर्ज कराने के लिए तहरीर तैयार करने का निर्देश दिया। वही कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने भी घटना पर विरोध जताया और एडीएम प्रशासन के पास पहुंचकर कठोर कार्रवाई करने की मांग की। एफ आई आर दर्ज कराए जाने की सूचना आरोपी अधिवक्ता के पास पहुंची तो आरोपी के पिता अधिवक्ता केपी मलिक और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएम प्रशासन के कार्यालय पहुंचे और मामले में आपस में समझौता कराने की मांग की।

पहले आरोपी अधिवक्ता के पिता ने और फिर उसके बाद आरोपी अधिवक्ता ने एडीएम कार्यालय पहुंचकर एडीएम प्रशासन औऱ अन्य कर्मचारियों के सामने पीड़ित पेशकार से हाथ जोड़कर माफी मांगी। साथ ही भविष्य में ऐसी घटना फिर से ना होने का वादा भी किया। माफी मांगने के बाद मामला निपट गया। कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश कुमार, सत्यनारायण शर्मा, राजीव कपिल, संजीव जैन, मनीष कुमार, गुरबचन सिंह आदि कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

समय सुबह लगभग 10:30 बजे का था अपर जिलाधिकारी प्रशासन सत्य प्रकाश सिंह की कोर्ट में पेशकार अख्तर अली सिराजी अपना काम निपटा रहे थे। इसी बीच अधिवक्ता अनुज मलिक वहां पहुंचे। पेशकार अख्तर का आरोप है कि अधिवक्ता ने उनके साथ अभद्रता से बात की और पेपर उनके ऊपर फेंक दिए। उन्होंने विरोध किया तो अधिवक्ता ने डायस में घुसकर उनके साथ मारपीट की।

शोर सुनकर कोर्ट और कार्यालय में काम कर रहे हैं कर्मचारी एकत्र हो गए। उन्होंने पेशकार को अधिवक्ता के चंगुल से छुड़ाया। कर्मचारियों को एकत्र होता देख अधिवक्ता अपने दूसरे साथियों के साथ कुछ देर में वापस आने की धमकी देता हुआ वहां से चला गया। पेशकार का आरोप है की अधिवक्ता सरधना थाना क्षेत्र में अवैध शराब के साथ पकड़ी गई एक गाड़ी को छुड़ाने के लिए तत्काल रिपोर्ट कोर्ट में भेजने की जिद पर अड़ा था।

जबकि उनके प्रार्थना पत्र पर जनपद न्यायाधीश के हस्ताक्षर नहीं थे साथ ही एडीएम प्रशासन भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं थे। उसे इसकी जानकारी दी गई और रिपोर्ट शाम तक भेजने की बात कही गई। जिससे गुस्सा कर उसने मारपीट की।

कोर्ट में पेशकार को पीटने की घटना की जानकारी जिलाधिकारी दीपक मीणा को हुई तो उन्होंने तत्काल एडीएम प्रशासन को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। एडीएम प्रशासन ने कर्मचारियों से घटना की जानकारी ली और एफ आई आर दर्ज कराने के लिए तहरीर तैयार करने का निर्देश दिया। वही कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने भी घटना पर विरोध जताया और एडीएम प्रशासन के पास पहुंचकर कठोर कार्रवाई करने की मांग की।

एफ आई आर दर्ज कराए जाने की सूचना आरोपी अधिवक्ता के पास पहुंची तो आरोपी के पिता अधिवक्ता केपी मलिक और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएम प्रशासन के कार्यालय पहुंचे और मामले में आपस में समझौता कराने की मांग की। पहले आरोपी अधिवक्ता के पिता ने और फिर उसके बाद आरोपी अधिवक्ता ने एडीएम कार्यालय पहुंचकर एडीएम प्रशासन औऱ अन्य कर्मचारियों के सामने पीड़ित पेशकार से हाथ जोड़कर माफी मांगी।

साथ ही भविष्य में ऐसी घटना फिर से ना होने का वादा भी किया। माफी मांगने के बाद मामला निपट गया। कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश कुमार, सत्यनारायण शर्मा, राजीव कपिल, संजीव जैन, मनीष कुमार, गुरबचन सिंह आदि कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

आरोपी के पिता ने धमकाया तो बिगड़ी बात
पेशकार अख्तर अली और अन्य कर्मचारियों ने बताया कि घटना के बाद आरोपी अधिवक्ता अनुज मलिक के पिता केपी मलिक कोर्ट में पहुंचे थे। उन्होंने पुत्र की गलती मानते हुए मामले को निपटाने की अपील की थी लेकिन इसके साथ ही खुद को सपा जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह और मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल सिंह मलिक का भाई बताते हुए धमकी भी दी थी। जिसके बाद ही उन्होंने एफ आई आर कराने का निर्णय लिया था लेकिन माफी मांगने के बाद अब मामला निपट गया है।