नई दिल्ली: सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया का मालिकाना हक 68 साल बाद एक बार फिर टाटा ग्रुप के पास आ सकता है. टाटा संस सबसे बड़े बोलीदाता के रूप में उभरा है और कंपनी ने एयरलाइन की नीलामी के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया की नीलामी जीत सकती है.

टाटा ग्रुप ने शीर्ष बोली लगाने वाले के तौर पर सामने आया है, लेकिन इसको लेकर आधिकारिक ऐलान अगले सप्ताह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाली कमेटी के बैठक के बाद किया जाएगा. एयर इंडिया के निजीकरण पर बनाई गई मंत्रियों की कमेटी अगले कुछ दिनों में मिलेगी. कमेटी एयरलाइंस के लिए बोली जीतने वाले पर विचार और मंजूरी देगी.

सरकार ने घाटे से जूझ रही एयर इंडिया को बेचने के लिए जनवरी 2020 में विनिवेश प्रक्रिया शुरू की थी. उसी दौरान देश में कोरोना वायरस का संक्रमण शुरू हो गया. जिसके चलते यह प्रक्रिया करीब 1 साल तक अधर में लटक गई. इस साल अप्रैल में सरकार ने इच्छुक कंपनियों से कहा कि वे एयर इंडिया को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाएं. इसके लिए 15 सितंबर अंतिम तारीख तय की गई थी. सरकार ने इससे पहले वर्ष 2018 में एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की थी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाई. इसके बाद सरकार ने कंपनी की शत-प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का ऐलान किया.