ममरी। आठ साल पहले दिल्ली में माता-पिता से बिछड़ा बेटा परदेसी शुक्रवार को जब घर पहुंचा तो माता-पिता की आंखें भर आईं। परदेसी के सकुशल लौट आने की खबर से बस्ती में खुशी का माहौल है।
हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव रोशननगर की कंजड़ बस्ती निवासी दंपती का छह वर्षीय पुत्र परदेसी 2013 में दिल्ली में काम करने के दौरान बिछड़ गया था। मां मीना और पिता कल्लू ने बताया कि जब परदेसी बिछड़ा था तो उन दिनों वह दिल्ली की सूरज विहार ककरोला बस्ती में रहकर सिलबट्टा बनाने का काम करते थे। बाद ही परदेसी की गुमशुदगी उन्होंने 28 नवंबर 2013 को दिल्ली के थाना द्वारका नार्थ में दर्ज कराई। इसके कुछ समय परदेसी के आठ वर्षीय बड़े भाई की दिल्ली में बीमारी से मौत हो गई। उधर, जब परदेसी काकुछ पता नहीं चला तो उसे मृत समझकर वह लोग काम बंदकर गांव लौट आए। आठ वर्ष बाद 26 मार्च 2022 को परदेसी जब गांव रोशननगर लौटा तो पूरे 14 साल का हो चुका था। दंपती उसे सकुशल पाकर खुशी अपनी व्यक्त नहीं कर पा रहे थे।

परदेसी ने बताया कि उसे घर का पता याद नहीं आ रहा था। भटकते-भटकते उसकी भेंट कंजड़ बस्ती के कंधई लाल से हुई। कंधई लाल ने उसे अपने घर ले जाकर जब नाम-पता पूछा तो उसने मां का नाम मीना, पिता का नाम कल्लू बताया। साथ ही उन्हें आपबीती सुनाई। इसकी भनक जब वहां के प्रधान रियाजत अली को लगी तो वह लड़के और कंधई लाल को लेकर कल्लू के घर पहुंचे। इस दौरान बस्ती के तमाम लोग इकट्ठे हो गए। परदेसी के दादा टिल्लू कंजड़ ने भी उसे गले से लगा लिया।

आजमगढ़ से भटककर आई बालिका परिजन से मिलाई
पलियाकलां। शुक्रवार को बाल सुधार गृह में रखी गई एक बालिका को उसके परिजन से मिलाया गया। आजमगढ़ से भटककर एक बालिका 30 मार्च को भीरा पहुंच गई थी, जिसके बाद पुलिस ने उसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वाधार गृह पलिया में रखा था। बालिका के परिजन आने के बाद पुलिस ने बालिका को उनके सुपुर्द कर दिया है।

आजमगढ़ के थाना जहानगंज के गंभीरवन की निवासी चंद्रजीत राजभर की 16 वर्षीय पुत्री भानमती 30 मार्च को अपने घर से दिल्ली अपने चाचा के यहां जाने के लिए निकली थी। रास्ता भटक जाने के कारण भीरा कस्बे में आ पहुंची। बस अड्डे पर रो रही बालिका की सूचना लोगों ने भीरा पुलिस को दी। सूचना पर पुलिस मौके पर जा पहुंची और बालिका को अपनी कस्टडी में ले लिया। महिला कांस्टेबल नेहा सोम के द्वारा बालिका से पूछताछ की गई तो उसने अपना नाम-पता बताते हुए बताया कि वह घर से अपने चाचा के पास दिल्ली जा रही थी, लेकिन रास्ता भटकने के कारण दूसरी बस में बैठ गई और यहां आ गई, जिसके बाद पुलिस ने बालिका को पलिया स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्वाधार गृह में रखा और आजमगढ़ के जहानगंज पुलिस से संपर्क किया। शुक्रवार को बालिका के परिजन भीरा थाना पहुंचे, जहां पुलिस ने कागजी कार्रवाई के बाद बालिका को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। संवाद