चित्रकूट. चित्रकूट में एक युवक ने महिला को पाने के लिए उसकी तीन साल की बच्ची को चलती ट्रेन से फेंक दिया। दोनों की मुलाकात ट्रेन में हुई थी। चार घंटे तक दोनों साथ में रहे। युवक को महिला से लगाव हो गया। उसने महिला से शादी करने का मन बना लिया। लेकिन उसे इस बात का डर था कि तीन साल की बच्ची के साथ उसके घरवाले महिला को नहीं अपनाएंगे।

समाज की बात सोचकर उसने उसकी बच्ची की हत्या की रणनीति बनाई। जैतवार स्टेशन से पहले उसने बच्ची को चलती ट्रेन से फेंक दिया। आज घटना के 14 दिनों बाद इस बात का खुलासा हुआ है। जीआरपी ने आरोपी युवक को मंगलवार शाम गिरफ्तार कर लिया। उसके बताने पर पुलिस ने बच्ची के शव को भी बरामद कर लिया है।

कहानी शुरू होती है 28 सितंबर को। मिर्जापुर जिले के सिमरा कला गांव निवासी सरस्वती अपनी 3 साल की बच्ची के साथ अकेले पति के पास मुंबई जा रही थी। शाम चार बजे छिवकी रेलवे स्टेशन से सुपरफास्ट ट्रेन पकड़ी। उसी ट्रेन में अजय नाम का युवक मिला। वह भी मुंबई जा रहा था। वे दोनों एक ही गांव के थे। इस वजह से दोनों में बात शुरू हुई। कुछ देर बाद दोस्ती भी हो गई। इसी बीच ट्रेन में टीटी आया।

टिकट न होने पर मानिकपुर उतर गई थी महिला सरस्वती के मुताबिक, उसके पास मुंबई तक का टिकट नहीं था। इस वजह से टीटी ने उसे अगले स्टेशन में उतर जाने की बात कही। वह मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर उतर गई। अजय भी उसके साथ उतर गया। यहां से दोनों ने सतना जाने वाली DMO पैसेंजर ट्रेन पकड़ी।

पीड़िता ने बताया, “ट्रेन में बैठने के बाद मैं सो गई थी। आधे घंटे बाद आंख खुली तो मेरी तीन साल की बेटी गायब थी। उसे आस पास खोजा, लेकिन नहीं मिली। फिर हम दोनों लोग जैतवार स्टेशन पर उतरकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाने गए। वहां पर पुलिस ने कहा कि सतना स्टेशन पर रिपोर्ट लिखी जाएगी।”

पीड़िता ने बताया, “शाम के 8 बज गए थे। मैं सतना स्टेशन पर रुकी। वहां पर बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन अजय मेरे साथ नहीं था। बीच में पता नहीं कहां वह बिना बताए चला गया।” उधर, सतना जीआरपी ने 1 अक्टूबर को मानिकपुर जीआरपी को विवेचना ट्रांसफर कर दिया था। पुलिस के मुताबिक, महिला ने युवक का जिक्र किया था। इस पर पुलिस गांव पहुंची और युवक की तलाश करने लगी।

जीआरपी थाना प्रभारी दिलीप कुमार मिश्रा ने बताया कि मिर्जापुर से ही अजय को हिरासत में लिया गया। वह मुंबई कल्याण में सेक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। घटना के बाद घर पर आ गया। उससे पूछताछ की गई। तब जाकर उसने सच्चाई बताई।

अजय ने बताया कि सरस्वती से बात करने के बाद उसे लगाव हो गया। सरस्वती ने अपने पति से अनबन होने की बात बताई थी, इसलिए वह उससे शादी करना चाहता था। लेकिन उसने सोचा कि सरस्वती की तीन साल की बच्ची है, इसलिए परिवार वाले नहीं मानेंगे।

इसी वजह से उसने जैतवार स्टेशन से पहले ही सूनसान रास्ता देखकर तीन साल की बच्ची को चलती ट्रेन से फेंक दिया। फिलहाल आरोपी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी की निशानदेही पर जैतवार स्टेशन से दो किलोमीटर की दूरी पर बच्ची का शव भी बरामद कर लिया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है।