श्रीनगर. जम्मू कश्मीर में आतंकियों के ग्रेनड फेंकने से दो श्रमिकों की हत्या की खबर मिलते ही कन्नौज में चीख-पुकारों से सुबह का सन्नाटा टूटा। पड़ोसी मृतकों के परिजनों को सांत्वना देने में जुटे थे। वहीं जम्मू कश्मीर में फंसे लोगों के परिजन फोन एक घटना की जानकारी और हाल-चाल लेने में जुट गए। ठठिया थाना क्षेत्र के दन्नापुरवा निवासी रामसागर (50), मुनेश (38), मुनेश का भाई रामबाबू, भोला, मोनू, पिंटू और विनय जम्मू कश्मीर के शोपियां में सेब के बागान में सेबों की पैकेजिंग और लोडिंग करते थे। ठेकेदार से हिसाब-किताब कर सभी को मंगलवार सुबह करीब चार बजे घर के लिए निकलना था। इससे रात करीब 11 बजे कपड़े और सामान पैक कर रहे थे। इस दौरान आतंकियों ने ग्रेनेड फेंक दिया। इससे रामसागर और मुनेश की मौके पर मौत हो गई। जबकि ग्रेनेड की चपेट में आकर मुनेश का भाई रामबाबू, भोला और मोनू

सुबह करीब नौ बजे गांव में आतंकी हमले की सूचना आई। इससे कोहराम मच गया। रागसागर की पत्नी मालती देवी और मुनेश की पत्नी पुष्पा देवी बेसुध हो गई। वहीं कश्मीर में फंसे घायल और अन्य लोगों की जानकारी के लिए परिजन फोन करने में जुट गए। गांव की गलियों से सिर्फ सिसकियां और चीखों की आवाज गूंज रही थी।

जानकारी के अनुसार, शोपियां में सेब के बाग में टिन शेड के नीचे सभी श्रमिक सोते थे। रोजाना की तरह सभी ने खाना बनाया और खाया भी। टिनशेड के नीचे रामसागर और मुनेश मौजूद थे जबकि टिनशेड से थोड़ी दूर पर रामबाबू राजपूत, भोला और मोनू आपस में घर निकलने की चर्चा कर रहे थे।

पिंटू और विनय ठेकेदार से हिसाबकिताब कराने के लिए दूसरे बागान गए थे। फोन पर हुई बात करने पर भोला ने बताया कि अचानक टिनशेड के अंदर कुछ गिरने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनते ही वह लोग नजदीक जाने लगे तभी तेज धमाका हुआ।

वह लोग धमाके से झुलस गए। इसके बाद आंखों से दिखाई देना बंद हो गया। करीब आधे घंटे बाद मंजर दिल दहला देने वाला दिखाई दिया। चारपाई से लेकर कंबल और कपड़े राख हो चुके थे। पास ही दो शवों के चिथड़े-चिथेड़ दूर तक फैले थे। उन लोगों को कुछ समझ में नहीं आया।

जानकारी होने पर पहुंचे सेना के जवानों ने अस्पताल में भर्ती कराया। उन लोगों को जवान कुछ नहीं बता रहे थे। रामबाबू ने बताया कि जब छोटे भाई मुनेश से मिलने की जिद की तो सैन्य अफसरों ने बताया कि मुनेश और रामसागर की आतंकी हमले में मौत हो गई है।

इसके बाद सैन्य के अफसरों ने कहा कि वह लोग निजी साधन से कन्नौज जा सकते हैं। मुनेश और रामसागर के शवों को हेलीकॉप्टर से लखनऊ भेजा जाएगा। वहां से जिला प्रशासन शवों को गांव लेकर जाएगा।

पड़ोस में रहने वाला विकास राजपूत तीन माह से जम्मू कश्मीर में है। हादसे की जानकारी के बाद पत्नी खुशबू और मां राजरानी अनहोनी की आशंका को लेकर परेशान रही। दोपहर करीब दो बजे खुशबू की पति से फोन पर बात हुई। तो एक दूसरे की आवाज सुनकर रोने लगे। पति और बेटे की आस में घर के सदस्य बेसुध हैं।