पटना। बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन मंगलवार को तोड़ दिया. अब वह महागठबंधन के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. इसी के साथ नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस की अगुआई कर रही बीजेपी को राज्यसभा में भी झटका लगा है.

नीतीश कुमार की जेडीयू के राज्यसभा में पांच सांसद हैं, जिसमें उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी हैं. हालांकि जब जेडीयू एनडीए का हिस्सा थी, तब भी राज्यसभा में बीजेपी के पास बहुमत नहीं था. पिछले तीन साल में एनडीए का साथ छोड़ने वाली जेडीयू तीसरी पार्टी है. इससे पहले शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल भी एनडीए का साथ छोड़ चुकी हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले तेलुरू देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी एनडीए का साथ छोड़ दिया था.

चूंकि अब जेडीयू एनडीए का हिस्सा नहीं है इसलिए बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए को राज्यसभा में बिल पास कराने के लिए ओडिशा की बीजू जनता दल, आंध्र प्रदेश की वाईएसआरसीपी पर अधिक निर्भर रहना होगा.

राज्यसभा में फिलहाल 237 सदस्य हैं. यहां 8 जगह खाली हैं,जिसमें 4 जम्मू-कश्मीर से, एक त्रिपुरा से और तीन को नामांकित किया जाना है. बहुमत का आंकड़ा 119 है. एनडीए के पास सदन में 115 सदस्य हैं, जिसमें पांच नामांकित और एक निर्दलीय है. जेडीयू के जाने के बाद एनडीए का आंकड़ा गिरकर 110 रह गया है, जो बहुमत से 9 कम है.

सरकार शीतकालीन सत्र से पहले तीन और सांसदों को नामांकित कर सकती है और जब भी चुनाव होगा, त्रिपुरा की सीट बीजेपी के ही खाते में जाएगी. तब भी एनडीए के सदस्यों की संख्या 114 तक पहुंच पाएगी, जो उस वक्त भी बहुमत के लिए काफी नहीं है.

अहम बिलों पर बीजेपी को बीजेपी और वाईएसआरसीपी के समर्थन पर निर्भर रहना पडे़गा. इन पार्टियों के 9-9 सांसद हैं. हाल ही में हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में बीजेपी को शिरोमणि अकाली दल, मायावती की बहुजन समाज पार्टी, टीडीपी, वाईएसआरसी और बीजेडी का समर्थन मिला था.

अगर राज्य सभा में एनडीए के आंकड़ों की बात करें तो बीजेपी के 91 सदस्य हैं, एआईएडीएमके के 4, एसडीएफ के 1, आरपीआईए का 1, एजीपी का 1, पीएमके का 1, एमडीएमके का 1, तमिल मनीला का एक, एनपीपी का 1, एमएनएफ का 1, यूपीपीएल का 1, आईएनडी का 1 और पांच नामांकित हैं. इस तरह कुल आंकड़ा 110 पहुंचता है. बता दें कि नीतीश कुमार आज दोपहर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे.