सहारनपुर। संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सहारनपुर मंडल हमेशा सुर्खियों रहा है। देश में कहीं भी आतंकी गतिविधियां हों लेकिन अधिकांश मामलों में तार देवबंद से जुड़ते हैं। एनआईए और एटीएस कई बार यहां छापेमारी कर संदिग्धों को गिरफ्तार कर चुकी है। ऐसे विभिन्न मामलों में मदरसों के नाम भी सामने आए हैं।
अब मदरसों के बाद सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर के 473 मकतब एटीएस के निशाने पर आ गए हैं, जिनकी संपत्ति से लेकर पंजीकरण और फंडिंग समेत तकरीबन आठ बिंदुओं पर जांच शुरू कर दी गई है। कई जगहों पर मस्जिदों में भी मकतब संचालित हैं।
सहारनपुर मंडल में मकतब का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। अब एटीएस की रडार पर सहारनपुर मंडल के 473 मकतब हैं, जिनकी संपत्ति, पंजीकरण और फंडिंग की जांच शुरू दी है। सहारनपुर मंडल और खासकर देवबंद सुर्खियों में रहा है। कई बार एटीएस और एनआईए यहां से संदिग्ध आतंकियों को पकड़कर ले गई थी।
दरअसल, एटीएस सहारनपुर से कई बार संदिग्ध आतंकी भी पकड़ चुकी है। इसके अलावा बांग्लादेशी और रोहिंग्या यहां से गिरफ्तार हुए। कुछ समय पहले मदरसों की जांच हुई थी। अब एटीएस सहारनपुर मंडल के 473 मकतब की आठ बिंदुओं पर जांच कर रही है।
सहारनपुर महानगर में भी पूर्व में कई बार संदिग्ध पकड़े गए हैं। एटीएस ने पिछले वर्ष शहर की एकता कॉलोनी से बांग्लादेश निवासी पिता-बेटे को गिरफ्तार किया था। आरोपी 20 वर्ष से यहां रह रहे थे और कई बांग्लादेशियों को यहां बसाने के कार्य में लिप्त थे। इसी तरह गंगोह क्षेत्र से एक संदिग्ध युवक को एटीएस ने पकड़ा था, जिसके पास से मिले फोन में पड़ोसी देश में सक्रिय आतंकी संगठनों के नंबर भी मिले थे।
पाकिस्तानी जासूस इकबाल भट्टी को शहर के हकीकतनगर पटियाला पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी ने भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली थी। इसी तरह रेलवे स्टेशन आतंकी ऐजाज शेख को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था।
सरसावा की मस्जिद से पांच संदिग्धों को पकड़कर एटीएस ले गई थी। इसी तरह कई बार देवबंद से आतंकी भी पकड़े जा चुके हैं। देवबंद में कई छात्रों के कनेक्शन भी आतंकी संगठनों से मिलते रहे हैं। बीते पांच वर्ष में 20 से अधिक संदिग्धों को एटीएस और एनआईए पकड़कर ले जा चुकी है।
सहारनपुर मंडल में मकतब
सहारनपुर 118
शामली 190
मकतब एक तरह से छोटे मदरसे ही हैं। यहां छोटे बच्चों को दीनी तालीम दी जाती है। कुछ मकतब मदरसों में भी चलते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में गली-मोहल्लों और गांवों में भी छोटे-छोटे भवनों में भी मकतब चल रहे हैं। इनमें अगर कोई देश विरोधी गतिविधि मिलती तो इनके संचालकों पर शिकंजा कसेगा।