लखनऊ. सावन के आखिरी सोमवार के दिन पुराना लखनऊ का चौक पूरा सजा हुआ था. यहां के प्रमुख मंदिर कोतवालेश्वर के बाहर घोड़े खड़े थे. पालकी सजी थी. डमरू की डम-डम के साथ डीजे भी धमक रहे थे. ऐसा लग रहा था मानो आज किसी की शादी हो, लेकिन असल में इस पूरे भव्य समारोह का आयोजन लखनऊ के कोतवाल महादेव के लिए था, जिनका शिवलिंग इसी मंदिर में है.
सिर्फ लखनऊ के लिए ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए यह ऐतिहासिक दिन था, क्योंकि प्रदेश में पहली बार देवों के देव महादेव को पुलिस लाइन की ओर से ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया. बताया जा रहा है कि महादेव को पुलिस विभाग की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर देने का यह देश में दूसरा मामला है. इसके पहले उज्जैन महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया है. इस ऐतिहासिक पल के साक्षी हजारों शिव भक्त बने.
सावन के अंतिम सोमवार को लखनऊ में इतिहास बन गया. अभी तक यूपी में किसी भी मंदिर में महादेव या किसी भी देवी-देवता को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया है. बता दें कि गार्ड ऑफ ऑनर देश के वीवीआईपी लोगों को दिया जाता है, लेकिन इस मंदिर के महंत विशाल गौड़ भव्य शोभायात्रा निकालना चाहते थे, इस संबंध में उन्होंने कई उच्च अधिकारियों से बैठक करके इस पर अनुमति ली और इसके बाद यह भव्य शोभा यात्रा निकालने के साथ ही कोतवालेश्वर महादेव को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
पुलिस लाइन की ओर से जैसे ही गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, वैसे ही महादेव की पालकी निकाली गई और लखनऊ शहर के कोतवाल नगर भ्रमण पर निकले. उन्होंने पूरे लखनऊ का निरीक्षण किया. इसके बाद यह पूरी शोभायात्रा मंदिर पर आकर समाप्त हुई, जहां पर आरती और पूजन किया गया. इस दौरान हजारों की तादाद में लोग मौजूद रहे.
इस दौरान यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा भी मंदिर में पहुंचे. उन्होंने भी दर्शन किए. यही नहीं, लखनऊ शहर की पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया भी पहुंची और उन्होंने भी दर्शन किए. इसके अलावा तमाम वीआईपी ने भी लखनऊ कोतवाल के दर्शन किए.