शामली। अवैध धंधों के लिए देशभर में बदनाम हो चुके कैराना कस्बे का नाम एक बार फिर चर्चाओं में है। मादक पदार्थों की तस्करी के आरोप में दिल्ली में हुई शमीम की गिरफ्तारी ने खुफिया विभाग को चौकन्ना कर दिया है। अब जहां स्थानीय खुफिया विभाग ने शमीम की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है। वहीं एनसीबी के रडार पर कैराना आ गया है।

चार दिन पहले गुजरात एटीएस व एनसीबी की टीम ने मुजफ्फरनगर शहर के किदवईनगर निवासी हैदर की निशानदेही पर 210 किलो हेरोइन बरामद की थी। इस मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने दिल्ली के लक्ष्मीनगर से कैराना कस्बे के मोहल्ला खैलकलां निवासी शमीम को गिरफ्तार किया था, जो पिछले 15 वर्षों से स्वजन के साथ दिल्ली में रहता है। शमीम की गिरफ्तारी के बाद से स्थानीय खुफिया विभाग के कान खड़े हो गए हैं।

स्थानीय खुफिया विभाग के अधिकारी शमीम की पृष्ठभूमि और उसका आपराधिक इतिहास खंगालने में जुट हैं। साथ ही शमीम के खिलाफ जनपद में दर्ज मुकदमों की जानकारी जुटा रहे हैं। हालांकि स्थानीय अधिकारी शमीम की गिरफ्तारी के संबंध में कुछ भी बताने को तैयार नहीं है।

बताया गया है कि मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्तता के चलते वर्ष 2016 में तत्कालीन एसपी डा. अजय पाल शर्मा ने भी शमीम से पूछताछ की थी। उस समय वह किसी काम से दिल्ली से कैराना आया था। हालांकि पूछताछ के दौरान कोई खास जानकारी हासिल न होने के कारण पुलिस ने उसे छोड़ दिया था।

शमीम की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी के रडार पर कैराना आ गया है। सूत्रों का कहना है कि एनसीबी की टीम गिरफ्तार शमीम को लेकर कभी भी कैराना आ सकती है। एनसीबी कैराना में शमीम से जुड़े नेटवर्क की भी जांच कर रही है। यही वजह है कि एनसीबी की टीम पुलिस व स्थानीय खुफिया विभाग के संपर्क में है।

दिल्ली के शाहीन बाग से बरामद हेरोइन के मामले में एनसीबी की टीम नगर के मोहल्ला खैलकलां से दो लोगों को उठाकर अपने साथ ले गई थी, जिसमें नगर का एक प्रसिद्ध क्लीनिक संचालक का भाई और उसका साला शामिल था। बताया गया है कि टीम ने पूछताछ के बाद क्लीनिक संचालक के भाई को तो छोड़ दिया, लेकिन साले को जेल भेज दिया। साला टिहरी गढ़वाल (उत्तराखंड) का रहने वाला है, जोकि नगर के मोहल्ला खैलकलां में किराये के मकान में रह रहा था। बताया जा रहा है कि टिहरी गढ़वाल निवासी युवक की गिरफ्तारी के बाद ही मुजफ्फरनगर से हेरोइन बरामद हुई थी।