नई दिल्ली. केंद्र सरकार की तरफ से आम आदमी को महंगाई पर लगातार राहत देने की कोश‍िश की जा रही है. पेट्रोल- डीजल, खाने के तेल और गेहूं के बाद अब केंद्र सरकार ने चीनी पर बड़ा फैसला ल‍िया है. गेहूं के न‍िर्यात पर प्रत‍िबंध लगाए जाने के बाद सरकार ने चीनी के निर्यात पर 1 जून से पाबंदी लगा दी है. इसका मकसद घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बढ़ाना और मूल्य वृद्धि को रोकना है.

तेल के आयात पर कस्‍टम ड्यूटी खत्‍म की
उपभोक्‍ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से चीनी के न‍िर्यात पर प्रत‍िबंध की जानकारी दी गई. इससे पहले सरकार की तरफ से सूरजमुखी और सोयाबीन तेल के आयात पर कस्‍टम ड्यूटी खत्‍म कर दी. इस फैसला का असर सीधे तौर पर खाने के तेल की कीमत पर पड़ेगा. विदेश व्यापार महानिदेशालय ने एक नोट‍िफ‍िकेशन में कहा, ‘चीनी (कच्ची, र‍िफाइन और व्‍हाइट शुगर) का निर्यात एक जून, 2022 से प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है.’

निश्चित मात्रा में क‍िया जाएगा चीनी का निर्यात
नोट‍िफ‍िकेशन में यह भी बताया गया क‍ि यह पाबंदी सीएक्सएल (CXL) और टीआरक्यू (TRQ) के तहत यूरोपीय संघ और अमेरिका को निर्यात की जा रही चीनी पर लागू नहीं होगी. सीएक्सएल और टीआरक्यू के तहत इन क्षेत्रों में एक निश्चित मात्रा में चीनी का निर्यात किया जाता है.

100 MLT चीनी निर्यात की अनुमति
एक बयान में कहा गया क‍ि चीनी मौसम 2021-22 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी की घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए 1 जून से चीनी निर्यात पर प्रत‍िबंध का फैसला क‍िया गया. चीनी मौसम के दौरान घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के मकसद से 100 एलएमटी (लाख मीट्रिक टन) तक चीनी निर्यात की अनुमति देने का निर्णय लिया है.

डीजीएफटी की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, 1 जून, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, चीनी के निर्यात की अनुमति चीनी निदेशालय, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग की विशिष्ट अनुमति के साथ दी जाएगी.