मेरठ. राष्‍ट्रीय लोक दल 2024 की चुनावी जंग की तैयारी के लिए अपनी कमर कस रहा है। इसके तहत 15 सितंबर के बाद मोदी और योगी की सरकारों के खिलाफ किसान, नौजवान और आमजन की समस्याओं को लेकर आंदोलन करने की योजना है। इसके लिए सभी जिलों में आंदोलन होगा। इसके लिए भंग चल रही सभी कमेटियों के गठन के लिए 15 सितंबर तक सभी ओहदेदार बना लिए जाएंगे। दरअसल, विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने सारी कमेटियों को भंग कर दिया था। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष राम आशीष राय का कहना है कि कमेटी गठन का काम तेजी से किया जा रहा है। कर्मठ जुझारू और जनता से जुड़ाव रखने वाले को पद देने पर मंथन चल रहा है।

राष्ट्रीय लोकदल का वेस्ट यूपी में खास असर माना जाता है, लेकिन 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगे के बाद से पार्टी की मुस्लिम-जाट एकता का सियासी समीकरण बिखर गया था। इसका सीधा असर यह हुआ था कि पार्टी उसके बाद ज्यादातर चुनाव हारती चली गई। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर दंगे की आंच और मोदी लहर में पार्टी का सफाया हो गया। एक भी सीट नहीं मिली। खुद पार्टी मुखिया अजित सिंह बागपत और बेटा चौधरी जयंत सिंह मथुरा से चुनाव हार गए थे।

इसके बाद साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी बुरी तरह हारी। बागपत जिले की छपरौली सीट से सिर्फ एक विधायक जीता। वह भी बाद में बीजेपी में चला गया। उसके बाद 2019 में सपा और बसपा से गठबंधन के बाद भी लोकसभा चुनाव में रालोद पूरी तरह बिखर गई।अजित सिंह मुजफ्फरनगर और चौधरी जयंत बागपत से हार गए थे। 2022 में किसान आंदोलन के बाद हुए चुनाव में सपा के साथ लड़ने से रालोद को विधानसभा की आठ सीट मिल गईं थी। सपा ने जयंत को अब राज्यसभा भी भेज दिया है, जिससे रालोद का सियासी वजूद दिखने लगा है।

सियासी वजूद बनने से उत्साहित ने जहां निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ने का ऐलान कर दिया है वहीं अब 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। रालोद के प्रदेशाध्यक्ष राम आशीष राय का कहना है कि पार्टी ने सदस्यता अभियान चलाकर पांच लाख नए सदस्य बनाने की मुहिम चला रखी हैं। हर जिले से रिपोर्ट तैयार कर सक्रिय लोगों के नाम एकत्र कर उनको पद दिए जाएंगे। सभी भंग कमेटियों में 15 सितंबर तक सभी पदाधिकारी तैनात कर दिए जाएंगे। सदस्यता अभियान के तहत गांव गांव से समस्याओं को भी एकत्र किया जा रहा हैं। इसी के साथ किसान की फसल के वाजिब दाम, बकाया गन्ना मूल्य भुगतान, बिजली मीटर का मुद्दा उठाया जाएगा। नौजवानों को रोजगार का मुद्दा, आमजन की दिक्कतों को लेकर 15 सितंबर के बाद केंद्र और प्रदेश की सरकार के खिलाफ सड़क पर उतारा जाएगा।

हर वर्ग को रालोद से जोड़ रही टोली
रालोद के निवर्तमान प्रदेश महामंत्री संगठन डॉक्टर राजकुमार सांगवान का कहना है कि सदस्यता अभियान में बूथ स्तर पर कैंप लगाने पर जोर दिया जा रहा है। डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, व्यापारी, मजदूरी, किसान, महिला, नौजवान, विद्यार्थी हर वर्ग को जोड़ा जा रहा है। बूथ स्तर पर लगने वाले कैंप से उस एरिया में टोली भेजी जाती है। वहां लोगों को जोड़कर कैंप में लाकर सदस्य बनाया जाता है।