नई दिल्ली। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस म‍िस्‍त्री की सड़क हादसे में मौत होने के बाद सरकार कारों में और ज्‍यादा सेफ्टी फीचर्स देने पर ध्‍यान दे रही है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार व्‍हीकल कंपनियों के लिए अक्टूबर से आठ सीट वाले वाहनों में कम से कम छह ‘एयरबैग’ जरूरी करने पर विचार कर रही है. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम न‍िजी वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से उठाया जा रहा है.

इससे पहले साल 2022 में ही सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से कहा गया था क‍ि यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय मोटर वाहन अध‍िनियम-1989 में संशोधन का फैसला किया गया है, ताकि वाहनों में सुरक्षा को बढ़ाया जा सके. गडकरी ने आठ सीट वाले वाहनों के लिए छह एयरबैग को जरूरी करने से जुड़े सवाल पर कहा, ‘कोशिश तो है.’

इसके अलावा कार चालक और सवार‍ियों की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए केंद्र सरकार वाहन निर्माताओं के लिए पिछली सीट की ‘सीट बेल्ट अलार्म’ प्रणाली को जरूरी करने की योजना बना रही है. फ‍िलहाल वाहन निर्माताओं के लिए केवल आगे की सीट पर बैठे यात्रियों के लिए सीट बेल्ट ‘रिमाइंडर’ देना जरूरी है. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सड़क हादसे में हुई साइरस मिस्त्री की मौत का भी ज‍िक्र क‍िया.

उन्‍होंने कहा पालघर में कार दुर्घटना में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन के निधन के बाद हमने यह निर्णय लिया है कि पीछे की सीटों के लिए भी वाहनों में सीट बेल्ट अलार्म प्रणाली होनी चाहिए. केंद्रीय मोटर वाहन नियम (CMVR) के नियम 138 (3) के तहत पिछली सीट पर सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि, ज्यादातर लोगों को इस बारे में जानकारी नहीं है.

उन्‍होंने कहा क‍ि कार में बैठने वाले सभी लोगों के ल‍िए सीट बेल्‍ट लगाना अब जरूरी होगा. आपको बता दें अभी पीछे की सीट पर सीट बेल्‍ट लगाने को लेकर लोगों के बीच जागरूकता नहीं है. ट्रैफ‍िक पुल‍िस भी पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के सीट बेल्ट नहीं लगाने पर जुर्माना नहीं लगाती है.