मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड के चमोली जिले के तपोवन रिणी गांव में )षिगंगा पावर प्रोजेक्ट पर बांध टूटने के कारण आई जल प्रलय के कारण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद जनपद में भी प्रशासनिक हलचल नजर आई। जिले में डीएम सेल्वा कुमारी जे. ने हाई अलर्ट करते हुए खादर क्षेत्र में टीमों को सक्रिय करने के निर्देश जारी किये। इसके बाद जनपद के तटीय इलाकों में पुलिस प्रशासन एक्टिव मोड पर आ गया।
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रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के कारण अलकनंदा नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ गया और जल प्रलय का खतरा उत्पन्न होने के कारण हरिद्वार तक अलर्ट कर दिया गया था। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी यूपी में उत्तराखंड सीमा से लगते जिलों को हाई अलर्ट कर दिया गया था। इसी के दृष्टिगत जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने उत्तराखंड में बांध टूटने के कारण हुई भारी तबाही पर जनपद में भी तटीय क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया। इन क्षेत्रों में एसडीएम सदर दीपक कुमार और एसडीएम जानसठ आईएएस अमृतपाल कौर को खादर क्षेत्र में विशेषज्ञ टीमों को साथ लेकर सक्रिय कर दिया गया है।
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पुरकाजी से लेकर रामराज तक तटीय इलाकों को पुलिस और प्रशासन की टीमों ने खाली कराना भी शुरू कर दिया था। ग्रामीणों से सतर्क रहने के लिए भी कहा गया है। वहीं बाढ़ चौकियों को भी सतर्क कर दिया गया है। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के निर्देश पर एडीएम वित्त एवं राजस्व आलोक कुमार ने खादर क्षेत्र में डेरा डाल लिया। उन्होंने सभी बाढ़ चौकियों से भी रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही पुलिस और प्रशासनिक टीमों को तटीय क्षेत्रों व गांवों एवं सरदारों के डेरों पर भी पहुंचकर ऐलान कराया गया है। लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की गयी है। एडीएम वित्त आलोक कुमार ने बताया कि अभी जनपद में कोई पैनिक नहीं है, लेकिन फिर भी शासन से प्राप्त दिशा निर्देशों और उत्तराखंड में बने हालातों को लेकर जनपद में भी सतर्कता बरती जा रही है। इसके साथ ही जिला मुख्यालय पर बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम को भी एक्टिव कर दिया गया है।