नई दिल्ली। देशभर में केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई सेना भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ का विरोध तेजी से हो रहा है। इस बीच इस विरोध को देखते हुए सेना ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस की। अग्निपथ योजना पर सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा सेना में यह सुधार लंबे समय से लंबित था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह योजना किसी भी हालत में वापस नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती होने के लिए सबसे पहली जरूरत अनुशासन की होती है, इसलिए युवाओं को शांत होकर योजना को समझना चाहिए।
लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि हम इस सुधार के साथ युवा और अनुभव वाले लोगों को साथ लाना चाहते हैं। हम जोश और होश का मिश्रण चाहते हैं और इसीलिए हम आयु प्रोफाइल को कम करना चाहते थे। वर्तमान में औसत आयु 32 वर्ष है और हम इसे कारगिल समीक्षा समिति और अरुण सिंह समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार कम करना चाहते हैं। इसी के साथ यह भी कहा गया कि अब सेना में सारी भर्ती इसी स्कीम के तहत होगी।
अनिल पुरी ने बड़ा एलान करते हुए बताया कि निकट भविष्य में ‘अग्निवीर’ की संख्या 1.25 लाख हो जाएगी और 46,000 पर नहीं रहेगी जो कि वर्तमान आंकड़ा है।
सेना ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अनुशासन ही भारतीय सेना की नींव है। पुरी ने कहा कि सेना में आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। देशभर में हो रहे विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को एक प्रमाण पत्र देना होगा कि वे हिंसक विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे। उन्होंने कहा कि अगर किसी पर एफआइआर पाई गई तो वह इस योजना के तहत शामिल नहीं हो सकता।
अग्निपथ योजना पर वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि हम अग्निपथ योजना के तहत पुरुषों और महिलाओं दोनों को शामिल करेंगे। इस साल 21 नवंबर से पहला नौसैनिक ‘अग्निवर’ प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों को शामिल किया जाएगा।
पुरी ने वार्ता में बताया कि इस योजना का लक्ष्य युवाओं को आर्मी में लाना है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम की मांग वर्ष 1989 में की गई थी। योजना के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि अग्निवीरों को आम सैनिकों की तरह हीं सारी सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ ही उनका 1 करोड़ का बीमा भी किया जाएगा।
अनिल पुरी ने बताया कि सेना सभी राज्यों की पुलिस से चार साल के बाद अग्निवीरों को भर्ती करने की अपील की जाएगी। ताकि उन्हें देश की सेवा करने का मौका मिले।
अग्निपथ योजना पर लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा ने बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह तक हमें 25,000 ‘अग्निवर’ का पहला बैच मिलेगा और दूसरा बैच फरवरी 2023 के आसपास शामिल किया जाएगा, जिससे 40,000 की भर्ती होगी।
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा हर साल लगभग 17,600 लोग तीनों सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे।
अग्निपथ योजना के खिलाफ बढ़ते विरोध के बीच आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेनाओं के प्रमुखों से मुलाकात की है। बैठक के दौरान इस योजना को जल्द लागू करने और आंदोलनकारियों को शांत करने के तरीकों पर चर्चा की गई। राजनाथ सिंह द्वारा यह लगातार दो दिनों में बुलाई गई दूसरी बैठक है।
बता दें कि आज ही भारतीय वायुसेना ने अग्निपथ योजना को लेकर भर्ती के लिए सभी डिटेल जारी कर दिए हैं। इस अधिसूचना में बताया गया है कि अग्निपथ सशस्त्र बलों के लिए एक नई एचआर मैनेजमेंट योजना है। इस योजना के माध्यम से शामिल किए गए अग्निवीरों के लिए आयु सीमा 17.5 साल से 21 साल रखी गई है। इन अग्निवीरों को पहले साल 30 हजार, दूसरे 33 हजार, तीसरे 36 हजार और चौथे साल 40 हजार रुपये प्रति महीने वेतन दिया जाएगा।