इटावा. समाजवादी पार्टी के पुरोधा और जननायक कहे जाने वाले नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनको श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर से उनके समर्थक और प्रशंसक लगातार उनकी पैतृक जन्मभूमि सैफई पहुंच रहे हैं. हालांकि आज यानी गुरुवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव शोक संवेदना प्रकट करने आ रहे किसी भी आगंतुक से नहीं मिलेंगे. दरअसल, परंपरा के मुताबिक शोकाकुल परिवार में गुरुवार को किसी से भी मुलाकात नहीं की जाती है. ऐसे में आज पहुंच रहे समर्थकों को मायूस होना पड़ रहा है.
अखिलेश यादव की शुक्रवार से लोगों की मुलाकात हो सकेगी. ऐसे में भारी भीड़ को देखते हुए नेताजी के पैतृक आवास में बड़ा टेंट लगाने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि जो लोग शोक संवेदना प्रकट करने और श्रद्धांजलि देने के लिए आ रहे हैं, वह सभी के सभी एक स्थान पर नियति ढंग से बैठ सकें. इसी मद्देनजर आज सुबह से बड़े टेंट को लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. यह बड़ा टेंट उस स्थान पर लगाया जा रहा है, जहां पर मुलायम परिवार द्वारा होली महोत्सव का आयोजन किया जाता है.
ऐसा कहा जा रहा है कि मुलायम परिवार के सभी छोटे-बड़े सदस्य इसी मंच के नीचे एक साथ बैठेंगे. यहीं पर एक स्थान पर नेताजी की प्रतिमा को भी रखा जाएगा, ताकि कोई आने वाला विशिष्ट अतिथि या फिर सामान्य व्यक्ति नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि प्रकट कर सके. इटावा और इटावा के आसपास के इलाकों में परंपरा के मुताबिक गुरुवार के दिन शोकाकुल परिवार में मिलना जुलना नहीं किया जाता. हालांकि, अभी भी नेता जी के निधन की सूचना मिलने के बाद बड़े पैमाने पर लोग अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव या फिर प्रोफेसर रामगोपाल यादव से मिलकर उन्हें सांत्वना देने के लिए लगातार सैफई पहुंच रहे हैं.